कटनी। कटनी महापौर (Katni Mayor) पद पर भाजपा की बागी प्रत्याशी प्रीति संजीव सूरी (Rebel BJP candidate Preeti Sanjeev Suri) ने जीत हासिल की है। उन्होंने भाजपा की अधिकृत प्रत्याशी ज्योति दीक्षित (Jyoti Dixit) को पांच हजार 287 मतों से पराजित किया है। कांग्रेस प्रत्याशी श्रेया खंडेलवाल (Shreya Khandelwal) तीसरे स्थान पर रहीं। भाजपा विधायक और पूर्व मंत्री संजय पाठक (Sanjay Pathak) ने ज्योति दीक्षित को टिकट दिलवाने के लिए दिन-रात एक कर दी थी। अब जब बागी प्रत्याशी ने अधिकृत प्रत्याशी को हरा दिया है तो टिकट चयन पर सवाल उठ रहे हैं। नगर निगम के 45 में से 27 वार्ड में भाजपा की जीत हुई है। कांग्रेस के खाते में 15 सीटें गई हैं और तीन निर्दलीय भी पार्षदी का चुनाव जीते हैं।
कटनी महापौर पद के लिए कांग्रेस से श्रेया खंडेलवाल, भाजपा से ज्योति दीक्षित के अलावा भाजपा की बागी प्रीति संजीव सूरी में त्रिकोणीय मुकाबला था। इसके अलावा समाजवादी पार्टी तथा आम आदमी पार्टी की उम्मीदवार भी चुनाव में थी। कटनी नगर निगम चुनाव में एक लाख 15 हजार 556 मतदाताओं ने अपने मताधिकार को प्रयोग किया था तथा करीब 60 प्रतिशत मतदान हुआ था।
दीक्षित को खुली चुनौती दी थी प्रीति ने
ज्योति दीक्षित को भाजपा से महापौर का टिकट मिलने के बाद प्रीति सुनील सुरी ने बगावत कर दी थी। निर्दनीय प्रत्याशी के रूप में नामांकन दाखिल किया था। वह स्थानीय विधायक संदीप जायसवाल के गुट की मानी जाती हैं। कांग्रेस की श्रेया खंडेलवाल समेत कुल 12 प्रत्याशी चुनाव मैदान में थे। प्रीति सूरी ने 45 हजार 648 मत हासिल किए और भाजपा प्रत्याशी ज्योति दीक्षित को 5287 मत से पराजित किया। भाजपा प्रत्याशी को 40 हजार 361 मत मिले और कांग्रेस की श्रेया को 40 हजार 361 मत। प्रीति सूरी ने पहले राउंड में बढ़त बनाई और वह आखिर तक बनी रही। हर राउंड के साथ उनकी बढ़त बढ़ती चली गई।
शिवराज, ज्योतिरादित्य ने भी किया था प्रचार
कटनी की हार को प्रदेश में सत्तारूढ़ भाजपा के लिए करारी हार माना जा रहा है। बताया जाता है कि संजय पाठक के कहने पर ही ज्योति दीक्षित को टिकट दिया गया था। शिवराज सिंह चौहान ने खुद दो बार कटनी आकर उनके लिए प्रचार किया था। इससे पार्टी जीत को लेकर आश्वस्त नजर आ रही थी। केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भी कटनी का दौरा किया था। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा के संसदीय क्षेत्र खजुराहो में कटनी इकलौता नगर निगम है। इस वजह से उन्होंने भी यहां डेरा डाल रखा था और हरसंभव कोशिश की।
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