नई दिल्ली: प्राइवेट सेक्टर (Private Sector) के यस बैंक (Yes Bank) को लेकर बड़ी खबर सामने आ रही है. आदेश का अनुपालन नहीं करने से नाराज दिल्ली (Delhi) की एक उपभोक्ता अदालत (Consumer Court) ने सोमवार को यस सिक्योरिटीज इंडिया लिमिटेड के बैंक खातों (Accounts) को फ्रीज (Freeze) करने का आदेश दिया है. पिछले आदेश में वाईएसआईएल को एक उपभोक्ता नरेश चंद जैन की सब्सक्रिप्शन राशि के साथ मानसिक उत्पीड़न और हानि के लिए मुआवजा देने का निर्देश दिया गया था.
दिल्ली जिला उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग (उत्तर जिला) अध्यक्ष दिव्य ज्योति जयपुरियार और सदस्य हरप्रीत कौर चार्या और अश्विनी कुमार मेहता ने आदेश का कंपनी द्वारा आदेश का अनुपालन न करने पर यह कार्रवाई की. गत 18 जनवरी को उपभोक्ता अदालतने यस बैंक लिमिटेड की पूर्ण स्वामित्व वाली इस सहायक कंपनी को 59000 (50,000 और जीएसटी) 9 फीसदी वार्षिक ब्याज के साथ रिफंड करने का आदेश दिया था.
इसके अलावा कंपनी को शिकायतकर्ता को 50000 रुपए का अतिरिक्त मुआवजा देने का भी निर्देश दिया गया था. अदालत ने कंपनी के दो बैंक खातों – मुंबई में स्थित यस बैंक और एचडीएफसी बैंक के खातों को फ्रीज करने का आदेश दिया ताकि निर्णय को लागू किया जा सके. अदालत ने यस बैंक और एचडीएफसी बैंक के शाखा प्रबंधकों को तुरंत प्रभाव से खातों को फ्रीज करने का निर्देश दिया. बैंकों को एक सप्ताह के भीतर अनुपालन रिपोर्ट पेश करने के लिए कहा गया है.
दरअसल उपभोक्ता ने कंपनी पर एक सब्सक्रिप्शन योजना के तहत वादे की गई सेवाएं न देने का आरोप लगाया था. जैन ने वाईएसआईएल पर उनके प्रीमियम रिसर्च सर्विस “सिल्वर योजना” के तहत वादा की गई सेवाएं न देने का आरोप लगाया था. शिकायतकर्ता ने 59000 रुपए का भुगतान किया था और उन्हें उम्मीद थी कि कंपनी उन्हें भौतिक शेयरों को डिमैट खाते में बदलने में सहायता करेगी और बाजार अनुसंधान और निवेश सुझाव प्रदान करेगी. लेकिन कंपनी ने सेवाएं प्रदान नहीं की.
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