नई दिल्ली: ताईवान को सेंट्रल अमेरिकी देश होंडुरास ने बड़ा झटका दिया है. उसने ताईवान के साथ अपने डिप्लोमेटिक संबंध तोड़ लिए हैं. चीन के साथ 26 मार्च से होंडुरास ने डिप्लोमेटिक संबंधों की शुरुआत की है. होंडुरास की राष्ट्रपति शियोमारा कास्त्रो ने कहा कि उनकी सरकार चीन के साथ रिलेशन स्थापित करेगी. इसी सिलसिले में हाल ही में होंडुरास के विदेश मंत्री बीजिंग भी गए थे.
संबंध स्थापित करने की जानकारी चीन की तरफ से यह ऐलान किया गया है. चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता हुआ चुनिंग ने एक ट्वीट में कहा कि चीन और होंडुरास ने डिप्लोमेटिक संबंध स्थापित कर लिए हैं. ताईवान के लिए बड़ा झटका इसलिए है क्योंकि ताईवान को एक स्वतंत्र देश के रूप में मान्यता देने वाले देशों की लिस्ट में सिर्फ 13 ही देश बचे हैं. कई लेटिन अमेरिका के कई देशों ने हाल के वर्षों में ताईवान का साथ छोड़ दिया है.
ताईवान चीन का हिस्सा- होंडुरास
चीन ताईवान को अपना हिस्सा बताता रहा है और डेमोक्रेटिक ताईवान पर संप्रभुता का दावा करता है. चीन कहता रहा है कि किसी भी हाल में वह ताईवान को चीन का हिस्सा बनाकर रहेगा. वन चाइना पॉलिसी के तहत, चीन और ताईवान दोनों को अलग-अलग मान्यता देने के चीन एडमिनिस्ट्रेशन खिलाफ रही है. होंडुरास, जिसने पहले ताईवान को चीन से अलग माना था, अब उसके विदेश मंत्रालय ने कहा है कि दुनिया में सिर्फ एक ही चीन है. होंडुरास विदेश मंत्रालय की तरफ से जारी बयान में यह भी कहा गया है कि ताईवान चीन का ही हिस्सा है.
चीन कर रहा एकतरफा कार्रवाई- ताईवान
ताईवान की राष्ट्रपति साई इंग-वेन ने होंडुरास के डिप्लोमेटिक संबंध तोड़ने और चीन के साथ स्थापित करने को चीन के साथ संबंध स्थापित करने को चीन की जबरदस्ती और धमकाने वाली नीति का हिस्सा बताया. राष्ट्रपति ने कहा कि चीन ने (ताइवान) के अंतरराष्ट्रीय स्थान को हमेशा दबाने की कोशिश की है. उन्होंने कहा कि चीन ने एकतरफा क्षेत्रीय शांति और स्थिरता को खतरे में डालने का काम किया है.
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