लखनऊ: वाराणसी कोर्ट ने ज्ञानवापी सर्वे के पक्ष में फैसला सुनाया है. कोर्ट ने ASI के सर्वे को मंजूरी दे दी है, विवादित हिस्से को छोड़ कर पूरे परिसर की ASI सर्वे को मंजूरी मिली है. ज्ञानवापी मस्जिद मामले में हिंदू पक्ष का प्रतिनिधित्व कर रहे वकील विष्णु शंकर जैन ने बताया कि कोर्ट ने ASI सर्वे का आदेश दे दिया है.
विष्णु शंकर जैन ने कहा कि मेरा आवेदन मंजूर कर लिया गया है और अदालत ने वजू टैंक को छोड़कर, जिसे सील कर दिया गया है. ज्ञानवापी मस्जिद परिसर का एएसआई सर्वेक्षण करने का निर्देश दिया है. ASI इस सर्वे की रिपोर्ट जिला जज को 4 अगस्त को देगा.
सर्वे के मायने क्या हैं
सुप्रीम कोर्ट ने ज्ञानवापी मस्जिद परिसर के अंदर पाए गए शिवलिंग के वैज्ञानिक सर्वेक्षण और कार्बन-डेटिंग की अनुमति देने वाले इलाहाबाद उच्च न्यायालय के निदेर्शो पर रोक लगाई थी. इस मामले को लेकर एक पक्ष कहता है कि यह शिवलिंग है और दूसरा पक्ष कहता है कि यह एक फव्वारा है. अब इस परिसर के सर्वे से पता लगेगा कि मस्जिद कितना पुराना है और इसमें हिंदू पक्ष की तरफ से किए गए दावों में कितनी सच्चाई है.
इससे पहले कोर्ट कमिश्वर अजय मिश्रा ने 6-7 मई को ज्ञानवापी परिसर का सर्वे किया था. इस सर्वे की रिपोर्ट के अनुसार परिसर की दीवारों पर देवी-देवताओं की कलाकृति, कमल की कुछ कलाकृतियां और शेषनाग जैसी आकृति मिलने की बात कही गई थी. हालांकि इस रिपोर्ट में तहखाने को लेकर कुछ नहीं जानकारी बताई गई थी.
विवाद क्या है
ज्ञानवापी मस्जिद परिसर को लेकर चल रहा विवाद यह है कि इसमें हिंदू पक्ष ने मांग की थी कि पूरा ज्ञानवापी परिसर हिंदुओं को सौंपा जाए और मुस्लिमों का प्रवेश ज्ञानवापी में बंद किया जाए. इसके साथ ही हिंदू पक्ष का कहना है कि मस्जिद के गुंबद को ध्वस्त करने का आदेश दिया जाए.
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