नई दिल्ली: चीनी स्मार्टफोन का एक समय जलवा हुआ करता था. भारत ही नहीं दुनियाभर में चीनी स्मार्टफोन की धमक होती है. कई मौकों पर चीनी कंपनी Xiaomi ने Apple और Samsung को पीछे छोड़ दिया था. हालांकि चाइनीज प्रोडक्ट्स की बढ़त ज्यादा वक्त तक बरकरार नहीं रह सकी. दरअसल, अब भारत टेलीविजन सेक्टर ने ड्रैगन को बड़ा झटका दिया है. इंडियन टेलीविजन सेक्टर में पहली बार चीनी ब्रांड के टेलीविजन की मार्केट कम हुई है. एलजी और सैमसंग जैसे बड़े ब्रांडों की ओर से अपने प्रोडक्ट्स की कीमतों को कम किया है. जिसकी वजह से चीनी टेलीविजन के मार्केट को बड़ा झटका लगा है. दूसरी ओर भारत में चीन और उनके प्रोडक्ट की क्रेडिटीबिलिटी भी कम हुई है.
भारत में कम हुई चीनी TV, मोबाइल फोन सेल
भारत में चाइनीज ब्रांड के मोबाइल फोन और टीवी की बिक्री कम हो रही है. इस बात का खुलासा मार्केट रिसर्च कॉउंटरपॉइंट टेक्नोलॉजी की रिपोर्ट में हुआ है. रिपोर्ट के मुताबिक, चाइना के लीडिंग टेलीविजन ब्रांड वनप्लस और रियल मी जल्द ही इंडियन मार्केट को छोड़ सकते हैं या अपना मार्केट डाउनसाइज कर सकते हैं. फिलहाल, वनप्लस और रियल मी ने इस मामले में खुलकर कुछ नहीं कहा है.
इकोनॉमिक टाइम्स पर छपी कॉउंटरपॉइंट टेक्नोलॉजी की रिपोर्ट के मुताबिक, चाइनीज ब्रांड का TV शिपमेंट अप्रैल से जून की तिमाही में 33.6% गिर गया है. ये आंकड़ा पिछले साल 35.7% तक था. वहीं, जुलाई अगस्त में भी चाइनीज ब्रांड की सेल में 30 से 33% तक की गिरावट आई है. काउंटरपॉइंट की सीनियर एनालिस्ट अंशिका जैन के मुताबिक, लोग अब सैमसंग, एलजी और सोनी के मिड-सेगमेंट और प्रीमियम मॉडल्स को पसंद कर रहे हैं. साथ ही ग्राहकों की सैनसुई और एसर जैसे ब्रांड्स में भी दिलचस्पी बढ़ रही है.
गिरावट का ये है कारण
चीनी ब्रांडों के शिपमेंट में गिरावट का कारण सैमसंग, एलजी और सोनी के मिड-सेगमेंट और प्रीमियम मॉडलों के लिए कंज्यूमर की पसंद है. स्मार्टफोन में चीनी ब्रांड चार तिमाहियों से ज्यादा समय से मार्केट में हिस्सेदारी खो रहे हैं. इलेक्ट्रॉनिक रिटेल चेन ग्रेट ईस्टर्न रिटेल के डायरेक्टर Pulkit Baid ने कहा कि टेलीविजन मार्केट में कंसोलिडेशन और करेक्शन का दौर चल रहा है. लॉयड जैसे ब्रांड्स आक्रामक नीति अपना रहे हैं और चीनी ब्रांड्स अपने नुकसान की भरपाई कर रहे हैं.
स्मार्टफोन बाजार में भी चीनी ब्रांड्स पिछली चार तिमाहियों से मार्केट शेयर खो रहे हैं. वे एंट्री लेवल सेगमेंट से निकल रहे हैं. हाल तक 7,000 से 8,000 रुपये से नीचे की कैटगरी में चीन की कंपनियों का दबदबा था. अब वे अपना मार्जिन बढ़ाने के लिए सैमसंग, ऐपल और दूसरी कंपनियों के साथ मिड से प्रीमियम सेगमेंट पर फोकस कर रही हैं. अब हालांकि कंज्यूमर की पसंद प्रीमियम मॉडलों पर है जिससे चीनी प्रोडक्ट्स को बाजार में डोमिनेशन झेलना पड़ रहा है. बता दें कि भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा मोबाइल बाजार है ऐसे में अगर चीनी ब्रांड्स का दबदबा गायब होने से ड्रैगन को झटका लगना संभव है.
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