नई दिल्ली: विदेशी दौलत (foreign wealth) के मामले में भारत (India) को लगातार दूसरे हफ्ते बड़ा झटका लगा है. देश का विदेशी मुद्रा भंडार (foreign exchange reserves) 15 सितंबर को समाप्त सप्ताह में करीब 7200 करोड़ रुपये कम हुआ है. दूसरी फॉरेन असेट्स (foreign assets) में भी बड़ी गिरावट देखने को मिली है. इससे अलग गोल्ड रिजर्व में भी गिरावट देखने को मिली है. वास्तव में इस सप्ताह में विदेशी निवेशकों ने अपना पैसा बाजारों से निकाला है. दूसरी तरफ कच्चे तेल के दाम में इजाफा होने से भारत को डॉलर ज्यादा खर्च करना पड़ रहा है. यही वजह है कि भारत की विदेश मुद्रा में गिरावट देखने को मिली है.
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार शुक्रवार को देश का विदेशी मुद्रा भंडार 15 सितंबर को समाप्त सप्ताह में 86.7 करोड़ डॉलर यानी करीब 7200 करोड़ रुपये घटकर 593.04 अरब डॉलर रहा. पिछले सप्ताह देश का कुल मुद्रा भंडार 4.99 अरब डॉलर यानी 41 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा घटकर 593.90 अरब डॉलर रहा था. इसका मतलब है कि बीते दो हफ्तों में विदेशी दौलत में 48 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा की गिरावट देखने को मिल चुकी है.
अक्टूबर 2021 में देश का विदेशी मुद्रा भंडार 645 अरब डॉलर के सर्वकालिक उच्चतम स्तर पर पहुंच गया था. पिछले साल वैश्विक घटनाक्रम के कारण उत्पन्न दबावों के बीच केंद्रीय बैंक ने रुपये की विनिमय दर में गिरावट थामने के लिए इस पूंजी भंडार का उपयोग किया था जिससे विदेशी मुद्राभंडार में कमी आई.
रिजर्व बैंक के साप्ताहिक आंकड़ों के अनुसार 15 सितंबर को समाप्त सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार का अहम हिस्सा विदेशी मुद्रा असेट्स 51.1 करोड़ डॉलर घटकर 525.91 अरब डॉलर रही. डॉलर में अभिव्यक्त की जाने वाली विदेशी मुद्रा आस्तियों में यूरो, पौंड और येन जैसी गैर-अमेरिकी मुद्राओं में आई घट-बढ़ के प्रभावों को भी शामिल किया जाता है.
गोल्ड रिजर्व की बात करें तो 38.4 करोड़ डॉलर घटकर 44 अरब डॉलर रहा. आंकड़ों के अनुसार, विशेष आहरण अधिकार (एसडीआर) 3.2 करोड़ डॉलर घटकर 18.09 अरब डॉलर रहा. अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के पास रखा देश का मुद्रा भंडार 40 लाख डॉलर घटकर 5.03 अरब डॉलर रहा.
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