शिमला: हिमाचल प्रदेश में विधानसभा चुनाव जैसे-जैसे नजदीक आ रहे हैं, वैसे-वैसे कांग्रेस को झटके लग रहे हैं. अब पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष ने पार्टी को अलविदा कह दिया है. हर्ष महाजन ने दिल्ली में भाजपा ज्वाइन की है. वीरभद्र सिंह सरकार में मंत्री रहे हर्ष महाजन ने दिल्ली में केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल की मौजूदगी में भाजपा ज्वाइन की. इस दौरान महाजन ने कहा कि वह लगभग 45 साल कांग्रेस में रहे और इस दौरान कोई चुनाव नहीं हारा.
जब तक वीरभद्र सिंह थे, तब तक कांग्रेस थी और अब कांग्रेस दिशा विहीन हो गई है. इसलिए उन्होंने पार्टी छोड़ने का फैसला लिया है.बीजेपी ज्वाइन करने के बाद हर्ष महाजन जेपी नड्डा से मिलने पहुंचे और उनके साथ में पीयूष गोयल भी मौजूद रहे. जेपी नड्डा ने बीजेपी में इस दौरान हर्ष महाजन का स्वागत किया और भाजपा का पटका पहनाया.
केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने इस अवसर पर कहा कि हम सब के लिए खुशी की बात है कि हिमाचल के वरिष्ठ नेता, जिन्होंने 45 साल तक सार्वजनिक जीवन मे रह कर सेवा की. जिस प्रकार से हिमालय में बीजेपी की सरकार ने सेवा की है और पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश मे जो ऐतिहासिक काम हो रहे हैं, उन सब विषयों के साथ वे जुडना चाहते हैं. पहाड़ी राज्य में उत्तराखंड में जिस तरह फिर से बीजेपी की सरकार बनी उसी तरह हिमाचल में भी बीजेपी की सरकार बनेगी.
हर्ष महाजन वीरभद्र सरकार में पशुपालन मंत्री थे
चंबा जिले से संबंध रखने वाले हर्ष महाजन वीरभद्र सरकार में पशुपालन मंत्री थे. वह हिमाचल के पूर्व मंत्री और विधानसभा स्पीकर देश राज महाजन के बेटे हैं. 12 दिसंबर 1955 में उनका जन्म हुआ है. वह 1986 से 1995 तक यूथ कांग्रेस के राज्य अध्यक्ष रहे थे. पहली बार 1993 में विधानसभा चुनाव जीते और फिर 1998 में फिर जीत का परचम लहराते हुए विधानसभा पहुंचे थे. नह 2003 में भी जीत हासिल कर तीसरी बार विधायक बने थे और वीरभद्र सरकार में मंत्री रहे. ऐसे में अब उनका कांग्रेस छोड़कर जाना पार्टी के लिए किसी बड़े झटके से कम नहीं है.
कांग्रेस को लगातार छोड़ रहे नेता
इससे पहले कांग्रेस के ही कार्यकारी अध्यक्ष और कांगड़ा से विधायक पवन काजल ने भी बीते माह कांग्रेस को अलविदा कह दिया था. उनके साथ कांग्रेस के नालागढ़ से विधायक ने भी पार्टी छोड़ दी थी. हिमाचल बीते कल यानी 27 सितंबर को ही कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक दिल्ली में सोनिया गांधी के आवास पर हुई है और वहां सूबे के विधानसभा चुनाव के लिए टिकट आवंटन को लेकर मंथन हुआ है. अभी कांग्रेस की सूची आने से पहले ही पार्टी को झटका लगा है. हर्ष महाजन पार्टी के कद्दावर नेताओं में गिने जाते हैं.
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