भोपाल। मध्य प्रदेश में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले खुद को संगठन के तौर पर मजबूत करने में लगी कांग्रेस के सदस्यता अभियान से जुड़ी बड़ी खबर सामने आई है। कांग्रेस के प्रदेश भर में चलाए गए सदस्यता अभियान में 3 विधानसभा क्षेत्र ऐसे रहे जहां कांग्रेसएक भी नया सदस्य नहीं बना पायी। हैरत करने वाली बात ये है कि ये तीनों विधानसभा सीट एक ही जिले की हैं जहां शिवराज सरकार के मंत्रियों का कब्जा है। मध्य प्रदेश में जोर शोर से चलाए जा रहे कांग्रेस के सदस्यता अभियान को सागर जिले में बड़ी निराशा हाथ लगी। यहां के तीन विधानसभा क्षेत्रों- सुरखी, रहली और खुरई में कांग्रेस एक भी नया सदस्य नहीं बना पायी। इन तीनों सीट पर बीजेपी सरकार में मंत्री गोपाल भार्गव, गोविंद सिंह राजपूत और भूपेंद्र सिंह का कब्जा है। सुरखी विधानसभा सीट से मंत्री गोविंद सिंह राजपूत, रहली से गोपाल भार्गव खुरई से भूपेंद्र सिंह विधायक हैं। इनमें से गोविंद सिंह राजपूत कांग्रेस से पाला बदलकर बीजेपी में गए हैं।
रहली-सुरखी-खुरई खाली
पीसीसी ने इन तीन इलाकों में जिन नेताओं को सदस्यता बुकलेट भेजी थी उन नेताओं ने बुकलेट अभी तक जमा नहीं की है। यानी कि इन 3 विधानसभा सीटों पर कांग्रेस को सक्रिय सदस्य नहीं मिल पाए हैं। प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने सदस्यता अभियान के प्रभारी पीसी जैन ने बताया कि सागर जिले में कांग्रेस का सदस्यता अभियान सबसे कमजोर रहा है। यहां पर सिर्फ 30,000 सदस्य बन पाए हैं। सागर के 3 विधानसभा सीटों रहली, सुरखी और खुरई में कांग्रेस को अभी एक भी सक्रिय सदस्य नहीं मिला है।
50 लाख का लक्ष्य, बने सिर्फ 25 लाख
कांग्रेस ने इस बार 50 लाख सदस्य बनाने का लक्ष्य रखा था। उसके एवज में सिर्फ 25 लाख सदस्य ही बन पाए हैं। सबसे ज्यादा सदस्य छिंदवाड़ा जिले में बने हैं जो पीसीसी चीफ कमलनाथ का इलाका है। लेकिन सबसे कमजोर प्रदर्शन सागर जिले में रहा। गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा के जिले दतिया तक में कांग्रेस ने रिकॉर्ड सदस्य बना लिए लेकिन सागर में वो तीन सीटों पर चित्त हो गयी। ऐसे में सवाल इस बात को लेकर है कि इन 3 विधानसभा सीटों से आया रुझान कहीं 2023 के चुनाव में कांग्रेस के लिए मुश्किल न खड़ी कर दे।
कांग्रेस मुक्त भारत की शुरुआत
कांग्रेस के सागर जिले में पिछड़े सदस्यता अभियान पर बीजेपी को तंज करने का मौका मिल गया है। प्रदेश मंत्री विश्वास सारंग ने कहा- यह कांग्रेस मुक्त भारत अभियान की शुरुआत है। आने वाले दिनों में कांग्रेस कहीं भी नजर नहीं आएगी।
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