भोपाल। मध्य प्रदेश में उपचुनाव से पहले कांग्रेस नेता ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी में प्रदेश सचिव के पद पर पदस्थ अर्जुन आर्य ने मल्लिकार्जुन खड़गे को पत्र लिखकर भेज दिया है। प्रदेश के नेताओं पर सनसनीखेज आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि गुलामी करने वाले नेताओं को बढ़ाने के आरोप भी लगाए हैं। साथ ही कहा कि दोनों उपचुनाव में जीतू पटवारी से लेकर कांग्रेस ने भाजपा को जिताने का काम किया।
अर्जुन आर्य ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को लिखा, “मैं 2018 से कार्य कर रहा हूं। लेकिन इस पार्टी में रखकर मुझे यह महसूस हुआ कि जनता का नेतृत्व करने वाले लोगों को दबाया जाता है और जो पार्टी के तथाकथित बड़े नेता हैं वो उनकी परिक्रमा करने वाले, गुलामी करने वाले लोगों को ही आगे बढ़ाते हैं। साथ ही मैंने पिछले सालों में देखा है कि कांग्रेस में दलित, पिछड़े, आदिवासी, अल्पसंख्यक, किसान, मजदूर की बस बात ही की जाती है। राज आज भी बड़ी जाति के सामन्ती सोच के लोग ही कर रहे हैं। और ये सामन्ती जो कांग्रेस में अलग अलग प्रदेशों में बैठे हैं, ये सिर्फ और सिर्फ अपने गुलामों को ही अवसर देते हैं।”
उन्होंने आगे लिखा कि ज्यादा कुछ न लिखते हुए मैं अर्जुन आर्य कांग्रेस पार्टी छोड़ रहा हूं। जब मैं अपने ही अधिकारों को कांग्रेस पार्टी में संरक्षित नहीं कर सकता तो कांग्रेस पार्टी में रहकर आम जन लड़ाई लड़ना तो बहोत दूर की बात होगी। वैसे भी मध्यप्रदेश के तमाम वरिष्ठ नेता जो प्रदेश के मुख्यमंत्री रह चुके हैं, उन सहित तमाम नेता भाजपा से मिले हुए हैं।
उदाहरण के रूप में पिछला बुधनी विधानसभा हो या अभी विदिशा का लोकसभा चुनाव हो। दोनों ही चुनावों में पहले तो कांग्रेस ने बिलकुल नकली उम्मीदवार उतारे। फिर भाजपा के प्रत्याशी शिवराज चौहान के सामने विधानसभा और लोकसभा चुनावों में एक भी मैदानी जनसभा नहीं की और न ही कांग्रेस प्रत्याशी के लिए प्रदेश और देश का कोई नेता प्रचार करने आया। कुल मिलाकर कांग्रेस पार्टी शिवराज सिंह चौहान को जिताने के लिए स्पष्ट रूप से प्रयास करती हुई दिखाई दी।
उन्होंने लिखा, अब ऐसी पार्टी में रहकर हम कैसे जनहित की लड़ाई लड़ेंगे? ये सम्भव ही नहीं हैं। कुल मिलाकर कांग्रेस, जनता का नेतृत्व करने वाले लोगों को बिल्कुल अवसर नहीं देती हैं। गुलामों को ही आगे बढ़ाया जाता है। परिणामस्वरूप आज कांग्रेस देश से समाप्त होती जा रही है। पिछले दिनों राहुल गांधी ने भी इस समस्या को अपने उद्बोधन में उठाया था कि रेस के घोड़ों को शादी में नचाया जाता है और शादी वाले घोड़े को रेस में दौड़ाया जाता है। मध्यप्रदेश में यही सब हो रहा है, क्योंकि तमाम बड़े नेता और वर्तमान प्रदेश अध्यक्ष तक भाजपा के लिए कार्य कर रहे हैं। जो पिछले लोकसभा चुनाव में स्पष्ट रूप से देखा गया हैं। “कम लिखा ज्यादा समझना”
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