वॉशिंगटन। अमेरिका (America) साल 2022 में चीन की राजधानी बीजिंग (Beijing capital of China) में होने वाले शीतकालीन ओलंपिक खेलों (winter olympic games) का राजनयिक बहिष्कार (us will diplomatically boycott) करेगा। व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव जेन साकी(White House Press Secretary Jen Psaki) ने इस बात की घोषणा की है। उन्होंने कहा कि बाइडन प्रशासन(Biden Administration) बीजिंग में होने वाले शीतकालीन ओलंपिक (winter olympic games) और पैरालंपिक खेलों(Paralympic Games) में अपने किसी भी आधिकारिक या राजनयिक प्रतिनिधिमंडल को नहीं भेजेगा। उन्होंने इसका कारण चीन(China) द्वारा शिनजियांग प्रांत में और देश में अन्य मानवाधिकारों के उल्लंघन (human rights violations) को बताया है।
अमेरिका ने यह घोषणा शीतकालीन ओलंपिक के शुरू होने के दो महीने पहले की है। फरवरी 2022 में इन खेलों की शुरूआत होनी है। इससे पहले भी अमेरिका द्वारा इस कदम को उठाए जाने के कयास लगाए जा रहे थे। हालांकि, अमेरिकी खिलाड़ियों के शीतकालीन ओलंपिक में भाग लेने की उम्मीद जताई जा रही है। बाइडन प्रशासन केवल अपने किसी राजनयिक प्रतिनिधि को बीजिंग नहीं भेजेगा। अमेरिका का यह कदम अमेरिकी एथलीटों को प्रतिस्पर्धा करने से रोके बिना विश्व मंच पर चीन को एक कड़ा संदेश भेजने की कोशिश मानी जा रही है। व्हाईट हाऊस की प्रेस सचिव जेन साकी ने कहा कि अमेरिकी एथलिटों को हमारा पूरा समर्थन है, हम पूरी तरह उनके साथ है। वहीं चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियान ने सोमवार को अमेरिका पर ओलंपिक में बिना आमंत्रण के राजनयिक बहिष्कार को तूल देने का आरोप लगाया। अमेरिका ने पिछली बार 1980 में शीत युद्ध के काल में मॉस्को ओलंपिक का पूरी तरह बहिष्कार किया था, उस वक्त पूर्व राष्ट्रपति जिमी कार्टर पद पर थे। इससे पहले भी कई बार ओलंपिक खेलों ने विभिन्न देशों द्वारा बहिष्कार या कम देशों की भागीदारी को झेला है। वर्ष में 1956 (मेलबर्न), 1964 (टोक्यो), 1976 (मॉन्ट्रियल), 1980 (मॉस्को), 1984 (लॉस एंजिल्स) और 1988 (सियोल) में युद्ध, आक्रमण और रंगभेद जैसे कारणों से विभिन्न देशों ने ओलंपिक खेलों का बहिष्कार किया था।