नई दिल्ली। ऑनलाइन शिक्षा सेवा देने वाली कंपनी बायजू ने कई महीनों की देरी के बाद आखिरकार कंपनी का वित्तीय विवरण जारी किया। इसे जबरदस्त घाटे का सामना करना पड़ा है। मार्च 2021 तक कंपनी के घाटे में 13 गुना बढ़ोतरी हुई है। शुद्ध घाटा बढ़कर 4588 करोड़ रुपये हो गया, क्योंकि इसने विस्तार को बढ़ावा देने के लिए खर्च और बढ़ा लिया है। हालांकि पिछले 12 महीनों से बिक्री में थोड़ा बदलाव आया और 24.3 अरब रुपये पर पहुंच गया। बायजू ने कंपनी के कमजोर प्रदर्शन को अकाउंटिंग के तरीके में बदलाव को जिम्मेदार ठहराया है।
बायजू को 4,588 करोड़ रुपये का घाटा
बायजू ब्रांड के तहत आने वाली कंपनी ‘थिंक एंड लर्न’ का कुल राजस्व पिछले वित्त वर्ष 2021-22 में चार गुना होकर 10,000 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। कंपनी ने वित्त वर्ष 2020-21 में 2,428 करोड़ रुपये का राजस्व कमाया था। हालांकि, इस दौरान कंपनी का घाटा बढ़कर 4,588 करोड़ रुपये हो गया। आलोच्य अवधि के दौरान बायजू को 4,588 करोड़ रुपये का घाटा हुआ। वित्त वर्ष 2019-20 में यह 231 करोड़ रुपये रहा था।
कंपनी का राजस्व वित्त वर्ष 2020-21 में एक प्रतिशत घटकर 2,428 करोड़ रुपये रहा था। इससे पिछले वित्त वर्ष में यह 2,511 करोड़ रुपये रहा था। बायजू ने कहा कि कंपनी कारोबार को बढ़ावा देने के लिए अपने ऑफलाइन केंद्रों का विस्तार कर रही है। कंपनी का दावा है कि पूरे भारत में उसके 200 से अधिक सक्रिय केंद्र हैं। इस साल के अंत तक इसे 500 केंद्रों तक बढ़ाने का लक्ष्य है। बायजू की आने वाले वर्ष में कुल 10,000 और शिक्षकों को नियुक्त करने की योजना है। वर्तमान में कंपनी में लगभग 50,000 कर्मचारी कार्यरत हैं।
कंपनी के संस्थापक बायजू रवींद्रन ने एक साक्षात्कार में कहा कि ऑडिट में देरी शुरू में कई अधिग्रहणों के कारण हुई थी। बाद में लेखा परीक्षकों ने राजस्व मॉडल को बदल दिया, जिसके कारण राजस्व पर फिर से काम करना पड़ा। आखिरकार, पिछले तीन महीनों में हमारे ऑडिट पर ध्यान दिए जाने के कारण आंकड़े सामने आए। बता दें कि स्टार्टअप की फंडिंग बाधाओं ने भारत के उपभोक्ता प्रौद्योगिकी उद्योग के बारे में नए सिरे से चिंता पैदा कर दी है, जहां इस साल जोमैटो लिमिटेड से लेकर पेटीएम तक के प्रमुख खिलाड़ियों का सार्वजनिक मूल्यांकन कम हो गया है।
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