देहरादून। उत्तराखंड विधान सभा चुनाव से पहले भाजपा को तगड़ा झटका लगा है। परिवहन मंत्री यशपाल आर्य और उनके विधायक बेटे संजीव आर्य आज दिल्ली में कांग्रेस में शामिल हो गए हैं। कांग्रेस की सदस्यता लेकर दोनों नेताओं ने घर वापसी कर ली है।
दिल्ली में कांग्रेस राष्ट्रीय प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला, अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल और प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव की उपस्थिति में प्रेस वार्ता में यशपाल और संजीव आर्य ने वापसी की। इस दौरान नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह, प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल और पूर्व सीएम हरीश रावत भी मौजूद रहे।
यशपाल आर्य बाजपुर और उनके बेटे संजीव आर्य नैनीताल सीट से विधायक हैं। वहीं यशपाल आर्य पुष्कर सिंह धामी सरकार में मंत्री थे और उनके पास छह विभाग थे। जिसमें परिवहन, समाज कल्याण, अल्पसंख्यक कल्याण, छात्र कल्याण, निर्वाचन और आबकारी विभाग शामिल थे।
यशपाल और संजीव आर्य ने 2017 में कांग्रेस छोड़ भाजपा का दामन थामा था। भाजपा ने तब दोनों को प्रत्याशी भी बनाया था। दोनों ने जीत दर्ज की थी। इसके बाद भाजपा सरकार ने यशपाल आर्य को कैबिनेट मंत्री बनाया। यशपाल आर्य छह बार विधायक रह चुके हैं। यशपाल पूर्व में उत्तराखंड विधानसभा के अध्यक्ष भी रहे हैं। यशपाल आर्य पहली बार 1989 में खटीमा सितारगंज सीट से विधायक बने थे। वह पहले भी काफी समय तक कांग्रेस पार्टी में भी रहे हैं।
इससे पहले कांग्रेस विधायक राजकुमार व प्रीतम सिंह पंवार और निर्दलीय विधायक राम सिंह कैड़ा ने भाजपा का दामन थामा था। इस दौरान हरीश रावत ने कहा कि भाजपा के समय भी यशपाल आर्य को महत्व दिया गया। उनके पास महत्वपूर्ण विभाग रहे। वहीं यशपाल आर्य के बेटे होने के नाते संजीव आर्य ने अपनी अलग पहचान बनाई। कहा कि सहकारिता के प्रदेश के चेयरमैन रहे और युवा नेता संजीव आर्य ने अपनी अलग सख्सीयत बनाई है। यशपाल आर्य और संजीव आर्य का कांग्रेस में तहे दिल से स्वागत है।
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