भोपाल: मध्य प्रदेश में टिकट वितरण के बाद से ही बीजेपी और कांग्रेस (BJP and Congress) में अंतकर्लह का दौर खत्म नहीं हो रहा है. चंबल अंचल में बीजेपी को एक और बड़ा झटका लगा है. पार्टी के दिग्गज नेता और पूर्व मंत्री ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया (Former minister resigned from the party) है, खास बात यह है कि पूर्व मंत्री के बेटे ने पहले ही बसपा का दामन थाम लिया था और वह बसपा से चुनाव लड़ रहे हैं.
शिवराज सरकार (Shivraj government) में पूर्व मंत्री रहे रुस्तम सिंह (Rustam Singh) ने भारतीय जनता पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दिया है. उन्होंने सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए बीजेपी छोड़ने का ऐलान किया है. बता दें कि रुस्तम सिंह बीजेपी के बड़े नेता माने जाते हैं, वह आईपीएस अधिकारी भी रहे हैं, सरकारी सेवा के बाद वह राजनीति में उतरे थे. लेकिन इस बार टिकट नहीं मिलने के बाद उन्होंने भी आखिरकार पार्टी से बगावत कर दी है.
बता दें कि रुस्तम सिंह 2003 से 2018 तक चार बार बीजेपी के टिकट पर मुरैना से विधानसभा चुनाव लड़ चुके हैं, 2003 और 2013 में उन्हें जीत मिली थी. इस दौरान रुस्तम सिंह को शिवराज सरकार में मंत्री भी बनाया गया था. लेकिन 2023 के विधानसभा चुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ा था, जबकि इस बार पार्टी ने सिंधिया समर्थक रघुराज सिंह कंसाना को टिकट दिया है.
टिकट न मिलने के बाद रुस्तम सिंह के बेटे राकेश रुस्तम ने बीएसपी का दामन थाम लिया है. जिसके बाद बसपा ने उन्हें मुरैना विधानसभा सीट से प्रत्याशी बनाया है. ऐसे में मुरैना में भी मुकाबला त्रिकोणीय होने के पूरे आसार है. क्योंकि चंबल अंचल में मुरैना का अच्छा होल्ड माना जाता है. मुरैना में बीजेपी की तरफ से ज्योतिरादित्य सिंधिया समर्थक रघुराज सिंह कंसाना को प्रत्याशी बनाया गया है, जबकि कांग्रेस ने भी वर्तमान विधायक राकेश मावई का टिकट काटकर दिनेश गुर्जर को प्रत्याशी बनाया है. इसके अलावा बीएसपी से राकेश रुस्तम के मैदान में आने से मुकाबला त्रिकोणीय होने के पूरे आसार हैं.
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