भोपाल: मध्यप्रदेश में चुनाव (MP Election 2023) को महज अब 1 महीने से भी कम का वक्त बचा हुआ है. 17 नवंबर को पूरे प्रदेश में 230 विधानसभा सीटों के लिए मतदान (Voting for 230 assembly seats) होगा. लेकिन उससे पहले ग्वालियर-चंबल (Gwalior Chambal) में भाजपा को बड़ा तगड़ा झटका लगा है. दरअससल अशोकनगर क्षेत्र से रहे बीजेपी के कद्दावर नेता स्व. राव देशराज सिंह यादव (Rao Deshraj Singh Yadav) की पत्नी बाई साहब यादव (Bai Saheb Yadav) एवं पुत्र अजय यादव (Ajay Yadav) ने बीजेपी से इस्तीफा दे दिया है. अब वे 20 अक्टूबर को कांग्रेस में शामिल होंगे.
जानकारी के लिए आपको बता दें कि अजय यादव का परिवार करीब 4 दशकों से भाजपा में हैं, लेकिन कुछ समय पहले ही उनके बड़े भाई उपेक्षा का आरोप लगाते हुए बीजेपी छोड़ कांग्रेस में शामिल हुए थे. जिसे कांग्रेस ने यादवेन्द्र को मुंगावली विधानसभा से अपना उम्मीदवार घोषित किया है. अब बड़े भाई के साथ ही मां और बेटे ने भी बीजेपी छोड़ दी. जिसका स्वागत बड़े भाई ने भी किया है. बता दें कि अजय यादव वर्तमान में BJP की सरकार में मध्य प्रदेश पिछड़ा वर्ग वित्त विकास निगम में उपाध्यक्ष होकर राज्य मंत्री का दर्जा प्राप्त किए हुए हैं.
बीजेपी से इस्तीफा देने के बाद अजय यादव ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि उनका परिवार करीब 1980 से भारतीय जनता पार्टी की सेवा करता रहा है. लेकिन अब पार्टी पहले जैसी नहीं रही है. राज्यमंत्री का दर्जा प्राप्त होने के बाद भी में कार्यकर्ताओं के काम नहीं करवा रहा है. मेरी उपेक्षा भी हो रही है. इसलिए दुखी मन से मैंने इस्तीफा दे दिया है. ऐसी पार्टी में रहने का क्या मतलब जब कार्यकर्ताओं का काम ही न करवा पाएं. यहां कोई सुनने वाला नहीं है. यहां जनसेवा करना मुश्किल है. साथ ही उन्होंने कहा कि वे 20 अक्टूबर को कांग्रेस में शामिल होने जा रहे हैं।
अजय यादव ने बीजेपी पर आरोप लगाते हुए कहा कि इस शासनकाल में भ्रष्टाचार बढ़ चुका है. राज्यमंत्री होने के बाद भी उनकी सुनवाई नहीं हो रही थी. अधिकारी कर्मचारी उनकी सुन नहीं रहे थे. हालांकि अजय यादव ने इस बात का खंडन किया कि बड़े भाई को कांग्रेस से टिकट मिल जाने की वजह से वो कांग्रेस ज्वाइन कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि वो सिरोंज से भाजपा का टिकट मांग रहे थे. लेकिन उन्हें दिया नहीं गया.
बता दें कि राव परिवार के मुखिया रहे स्व. राव देशराज सिंह यादव बीजेपी के कद्दावर और बाहुबली नेता माने जाते थे. भाजपा ने उन्हें मुंगावली सीट से 6 बार टिकट दिया था. जिसमें वो 3 बार विधायक चुनकर आए थे. इसके अलावा उन्हें 2 बार लोकसभा की टिकट भी मिला था. जानकारी के मुताबिक देशराज सिंह यादव ने अपने जीते जी पत्नी को जिला पंचायत अध्यक्ष, बड़े बेटे को जिला पंचायत उपाध्यक्ष और छोटे बेटे को मंडी अध्यक्ष बनवाया था. परिवार का बड़ा राजनीतिक रसूख रहा है.
गौरतलब है कि बीजपी और कांग्रेस दोनों की पार्टी ग्वालियर-चंबल पर फोकस कर रही है. ऐसे में राव परिवार के सदस्यों का अचानक से इस्तीफा देना बीजेपी की मुसीबत बढ़ा सकता है. अब कांग्रेस को इसका फायदा मिल सकता है. न केवल मुंगावली बल्कि चंदेरी एवं अशोकनगर विधानसभा में भी यादव समाज का वोट बैंक है. इन सीटों पर असर देखने को मिल सकता है.
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