नई दिल्ली। क्रिकेट (Cricket) के खेल में बॉल टेम्परिंग (Ball Tampering) का मामला कोई नई बात नहीं है इससे पहले इस तरह के मामले सामने आ चुके हैं। इसी तरह का मामला वर्ष 2018 में भी आया था जब दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ केपटाउन टेस्ट में ‘सामूहिक’ तरीके से बॉल टैम्परिंग के मामले में ऑस्ट्रेलिया की क्रिकेट टीम की हर कहीं आलोचना हुई थी।
इस समय भी बॉल टेम्परिंग (Ball Tampering) का मामला सुर्खियों में है। बांग्लादेश प्रीमियर लीग (Bangladesh Premier League) में घटी है। बताया जाता है कि इस लीग में बॉल टेम्परिंग यानी गेंद के कंडीशन से छेड़छाड़ की ये पहली घटना है। लीग में खेलने वाली टीम सिल्हेट सनराइजर्स (Sylhet Sunrisers) और उसके इंग्लिश ऑलराउंडर रवि बोपारा को बॉल टेम्परिंग का दोषी पाया गया, जिसके बाद अंपायर ने उन पर बड़ी कार्रवाई की. सिल्हेड सनराइजर्स की टीम ने गेंद की सूरत के साथ छेड़छाड़ खुलना टाइगर्स के खिलाफ खेले मैच में की।
वहीं इंग्लैंड के ऑलराउंडर रवि बोपारा ने बॉल टेम्परिंग की घटना को 9वें ओवर में अंजाम दिया। लीग के ब्रॉडकास्टर्स ने उस घटना का रिप्ले दिखाया जिसमें बोपारा अपनी उंगलियों से बॉल को खुदर रहे थे। ओवर के दौरान बोपारा की इस हरकत की भनक जब ऑनफील्ड अंपायर्स महफुजुर रहमान और प्रगीथ रम्बुकवेला को लगी तो उन्होंने बॉल को उनसे ले लिया। क्रिकेट के नियमों के तहत बोपारा की हरकत को 41.3.5 क्लॉज का दोषी पाया गया, जिसके मुताबिक अगर अंपायर को लगता है कि गेंद के साथ खिलाड़ी ने छेड़छाड़ की है तो वो उसे बदल सकता है. वही इस मैच में भी देखने को मिला. अंपायरों ने बोपारा से गेंद लेने के बाद उसे तुरंत दूसरी गेंद से रिप्लेस कर दिया. इसके अलावा सिल्हेट सनराइजर्स टीम पर 5 रन का जुर्माना लगाया। नियम ये भी कहता है कि फील्ड अंपायर चाहे तो घटना की शिकायत मैच रेफरी से कर सकता है, जिसके बाद खिलाड़ी पर कड़ी कार्रवाई भी की जा सकती है। बड़ी बात ये है कि इंग्लैंड के ऑलराउंडर रवि बोपारा ने इस मैच में ये गलती तब की, जब वो इसमें टीम की कप्तानी का जिम्मा संभाल रहे थे। उन्होंने इस मैच के लिए कप्तानी में मोसादेक हुसैन की जगह ली थी।