इंदौर (Indore)। नगर निगम कमिश्नर ने कल रात शहर के विभिन्न गली-मोहल्लों में बंद पड़ी लाइटों के मामले में संबंधित अधिकारियों से जवाब तलब किया और लापरवाही पर एक सबइंजीनियर की सेवा समाप्त कर दी गई और एक को निलंबित करने के साथ विद्युत यांत्रिकी का काम देख रहे कई अधिकारियों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया है। विद्युत विभाग की लापरवाही के चलते शहर के कई इलाकों में बंद स्ट्रीट लाइटें शिकायतों के बाद भी महीनों तक शुरू नहीं हो पा रही हैं।
विद्युत यांत्रिकी विभाग में आने वाली शिकायतों का आंकड़ा लगातार बढ़ता जा रहा है। सीएम हेल्प लाइन से लेकर निगम कंट्रोल रूम और मेयर हेल्प लाइन पर वार्डों की बंद पड़ी स्ट्रीट लाइटों को लेकर सैकड़ों शिकायतें पेंडिंग पड़ी हैं। विभाग के अधिकारियों को चेतावनी देने के बावजूद ढर्रे में कोई सुधार नहीं हो रहा है। कल रात को निगमायुक्त शिवम वर्मा वार्ड क्रमांक 22 में बीआरटीएस, महिंद्रा शोरूम, देवास नाका और अन्य क्षेत्रों में पहुंचे तो वहां स्ट्रीट लाइटें बंद पड़ी थीं। इस पर उन्होंने क्षेत्रीय सबइंजीनियर लोकेश मेहता को मौके पर बुलाया और फटकार लगाई।
लापरवाही को लेकर मेहता की सेवाएं समाप्त करने के निर्देश दिए। इसके बाद स्कीम 136 में भी निरीक्षण के दौरान कई जगह गली-मोहल्लों से लेकर मार्गों की स्ट्रीट लाइटें बंद पड़ी हैं। उपयंत्री जितेंद्र वर्मा को निलंबित कर दिया गया। इसके साथ-साथ वार्ड क्रमांक 73 के अंतर्गत स्कीम 140 के विभिन्न मार्गों पर बंद पड़ी स्ट्रीट लाइटों को लेकर सबइंजीनियर विपुल जोशी सहित अन्य अधिकारियों को भी नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया है।
सीएम हेल्प लाइन और मेयर हेल्प लाइन भी मजाक, नहीं दर्ज हो रहीं शिकायतें
पिछले कई महीनों से सीएम हेल्प लाइन और मेयर हेल्प लाइन पर समस्याओं से परेशान रहवासी अपनी शिकायतें दर्ज नहीं करा पा रहे हैं। जैसे-तैसे फोन लगाते हैं तो शिकायत दर्ज नहीं हो पाती और फोन कट जाता है। वहीं कई मामलों में शिकायतें दर्ज भी हो जाती हैं तो पोर्टल से ही अपने आप बाहर हो जाती हैं। कई शिकायतों के मामलों में शिकायतकर्ता पर ही अधिकारी दबाव बनाकर शिकायतों का खात्मा कराते हैं। वहीं सबसे ज्यादा खराब हालत अतिक्रमण, कब्जों, बैकलाइनों और गंदे पानी से लेकर बंद पड़ी स्ट्रीट लाइटों को लेकर आती हैं।
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