चंडीगढ़: पंजाब सरकार I(Government of Punjab) पिछले साल जनवरी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) के राज्य के दौरे के दौरान सुरक्षा में चूक को लेकर जल्द ही केंद्र को एक कार्रवाई रिपोर्ट (action report) भेजेगी. इस मामले में पंजाब के 9 पुलिस अफसरों पर गाज गिरना तय है. जिस कार्रवाई पर विचार किया जा रहा है वह सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) द्वारा गठित समिति द्वारा प्रस्तुत निष्कर्षों पर आधारित है, जिसने पीएम मोदी के दौरे के दौरान सुरक्षा में चूक की जांच की थी.
केंद्र ने हाल ही में इस मामले को लेकर राज्य को एक पत्र भेजा था. मुख्य सचिव वीके जंजुआ ने कहा कि हमें समिति (अदालत द्वारा गठित) की रिपोर्ट मिल गई है, जिसने सुरक्षा में चूक के लिए कुछ अधिकारियों को जिम्मेदार ठहराया है. हम जल्द ही इस संबंध में की गई कार्रवाई की रिपोर्ट केंद्र को भेजेंगे. यह पूछे जाने पर कि क्या एक पूर्व पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) सहित राज्य के 9 पुलिस अधिकारियों को कथित तौर पर रिपोर्ट में दोषारोपित किया गया है और क्या सभी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी, मुख्य सचिव ने कहा कि कानून के अनुसार जो भी कार्रवाई जरूरी होगी, वह की जाएगी.
यह पूछे जाने पर कि क्या इन अधिकारियों के खिलाफ आरोपपत्र दायर किया जाएगा? इस पर जंजुआ ने कहा, ‘कानून के तहत जो भी कार्रवाई करनी होगी की जाएगी.’ उन्होंने कहा कि कार्रवाई शुरू करने से पहले फाइल मुख्यमंत्री भगवंत मान के पास मंजूरी के लिए जाएगी. मुख्य सचिव ने कहा कि गलती करने वाले अधिकारियों की सजा के तौर पर वेतन वृद्धि रोकना, डिमोशन और सेवा में होने की स्थिति में बर्खास्तगी भी की जा सकती है. हालांकि, उन्होंने कहा कि सभी को अपना बचाव करने के लिए अपना पक्ष करने की अनुमति दी जाएगी.
उन्होंने कहा कि दोषी अधिकारियों की ओर से हुई चूक को रिपोर्ट में विस्तार से बताया गया है. पिछले साल 5 जनवरी को फिरोजपुर में प्रदर्शनकारियों द्वारा नाकेबंदी के कारण प्रधानमंत्री मोदी का काफिला एक फ्लाईओवर पर फंस गया था, जिसके बाद वह रैली सहित किसी भी कार्यक्रम में शामिल हुए बिना पंजाब से लौट आए थे.
पंजाब के वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि इस मामले में दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. कांग्रेस पर निशाना साधते हुए चीमा ने यह भी कहा कि चरणजीत सिंह चन्नी के नेतृत्व वाली राज्य की तत्कालीन कांग्रेस सरकार प्रधानमंत्री की सुरक्षा सुनिश्चित करने में विफल रही थी. इस घटना को लेकर भाजपा ने पंजाब की पिछली कांग्रेस सरकार पर भी निशाना साधा था और शीर्ष अदालत द्वारा गठित समिति द्वारा पिछले साल रिपोर्ट दिए जाने के बाद पार्टी के कई नेताओं ने चन्नी सरकार पर प्रधानमंत्री की सुरक्षा से खिलवाड़ करने का आरोप लगाया था.
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