पटना: प्रवर्तन निदेशालय के पटना जोनल ऑफिस ने शुक्रवार (27 मार्च) को धन शोधन निवारण अधिनियम 2002 के तहत पटना में सात जगहों पर छापेमारी की. इस दौरान अधिकारियों ने 11.64 करोड़ रुपये नकद बरामद किए. इसके अलावा कई अहम डॉक्यूमेंट्स भी जब्त किए गए जो कथित वित्तीय गड़बड़ियों की ओर इशारा कर रहे हैं. ईडी ने बताया कि इन डॉक्यूमेंट्स के आधार पर आगे की जांच की जाएगी और अवैध धन के स्रोत का पता लगाया जाएगा.
ईडी को लंबे समय से संदेह था कि पटना में कुछ जगहों पर बड़े पैमाने पर इलीगल लेन-देन किए जा रहे हैं. जांच एजेंसी को इस बात की जानकारी मिली थी कि कुछ लोग काले धन को सफेद करने (मनी लॉन्ड्रिंग) के लिए फर्जी कंपनियों और बैंक खातों का इस्तेमाल कर रहे हैं. इसी आधार पर ईडी की टीम ने छापेमारी की और करोड़ों रुपये की नकदी बरामद की. अधिकारियों के मुताबिक छानबीन के दौरान मिले डॉक्यूमेंट्स से इस घोटाले से जुड़े बाकी लोगों के बारे में भी जानकारी मिल सकती है.
कैसे होती है मनी लॉन्ड्रिंग?
मनी लॉन्ड्रिंग इलीगल तरीके से कमाए गए पैसे को कानूनी रूप देने की प्रक्रिया होती है. ये धन आमतौर पर भ्रष्टाचार, टैक्स चोरी, ड्रग्स तस्करी, हवाला कारोबार और अन्य गैरकानूनी एक्टिविटी से इकट्ठा किया जाता है. ऐसे धन को सफेद दिखाने के लिए फर्जी कंपनियों, बेनामी संपत्तियों, नकली बैंक खातों और हवाला नेटवर्क का इस्तेमाल किया जाता है. ईडी का काम ऐसे मामलों की जांच करना और दोषियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करना है.
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