बिना कोरोना की जांच कराए यह पुष्टि कर पाना लगभग असंभव है कि कौन सा शख्स कोरोना वायरस से संक्रमित है और कौन नहीं। हालांकि, ब्रिटेन के लंदन स्कूल ऑफ हाइजीन एंड ट्रॉपिकल मेडिसिन (एलएसएचटीएम) और डरहम यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने एक ऐसी डिवाइस (Device) बनाने में सफलता हासिल की है, जो महज 15 मिनट में ही यह बता देगा कि कमरे के अंदर मौजूद कोई व्यक्ति कोरोना संक्रमित (corona infected) है या नहीं। यदि कमरा बड़ा हुआ तो यह डिवाइस कोरोना संक्रमितों की पहचान करने में 30 मिनट का समय लेगी। बता दें यह डिवाइस त्वचा और सांसों से बाहर निकले रसायनों का पता लगाकर संक्रमितों की पहचान करती है।
कोविड के लक्षण न होने पर भी संक्रमित को पहचान लेगी डिवाइस
डिवाइस की टेस्टिंग के आधार पर डिवाइस में नतीजों की सटीकता का स्तर 98 से 100 फीसदी तक है। यानी यह कोरोना के आरटी-पीसीआर और एंटीजन टेस्ट (antigen test) की तुलना में कहीं ज्यादा सटीकता से कोरोना संक्रमितों के बारे में जानकारी देने में सक्षम है। वैज्ञानिकों ने बताया कि यदि वय्कित में कोरोना के लक्षण न हों, तब भी यह डिवाइस संक्रमित को पहचान लेती है। वैसे अभी डिवाइस के परीक्षण के शुरुआती नतीजों की समीक्षा बाकि है। सार्वजनिक स्थानों पर संक्रमण का पता लगाने और कोरोना के अलावा भविष्य में अन्य महामारियों की पहचान के लिए यह डिवाइस काफी कारगर साबित होगी।
5.15 लाख की है एक डिवाइस
डरहम यूनिवर्सिटी में बायोसाइंस(Bioscience at Durham University) के प्रोफेसर स्टीव लिंडसे ने बताया कि हर बीमारी की अलग गंध होती है। कोरोना संक्रमित और सामान्य लोगों की गंध अलग-अलग होती है। इसी की वजह से हमारा काम आसान हो गया। उन्होंने बताया कि डिवाइस करीब 5.15 लाख रुपये की है, लेकिन ऐसी जानलेवा महामारियों की पहचान के लिए यह बहुत बड़ी राशि नहीं है। कोरोना संक्रमितों की जानकारी देने वाली यह डिवाइस आने वाले समय में विमानों के केबिन, क्लासरूम, केयर सेंटर, घरों और कार्यालयों में स्क्रीनिंग के लिए उपयोगी साबित हो सकती है। इस डिवाइस को कोविड अलार्म नाम दिया गया है और इसका आकार स्मोक अलार्म से थोड़ी ज्यादा है।
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