टोक्यो: जो बाइडन ने सोमवार को अपरोक्ष रूप से चीन को चेतावनी दी कि यदि वह ताइवान पर आक्रमण करता है तो, अमेरिका ताइपे की रक्षा के लिए बीजिंग के खिलाफ बल प्रयोग करने पर विचार कर सकता है. उन्होंने कहा कि संयुक्त राज्य अमेरिका यह सुनिश्चित करने के लिए अन्य देशों के साथ खड़ा है कि चीन, ताइवान में बल का उपयोग नहीं कर सकता. अमेरिकी राष्ट्रपति के इस बयान को पिछले कुछ दशकों में ताइवान के समर्थन और चीन के विरोध में किसी देश द्वारा दिए गए प्रत्यक्ष एवं सबसे जोरदार बयानों में से एक माना जा रहा है. उन्होंने कहा कि ताइवान की सीमा पर उड़ान भरकर चीन खतरा मोल रहा है.
जो बाइडन ने कहा कि यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद स्वशासित द्वीप (ताइवान) की रक्षा करने का दबाव और भी बढ़ गया है. उन्होंने कहा कि ताइवान के खिलाफ बल प्रयोग करने का चीन का कदम न केवल अनुचित होगा, बल्कि यह पूरे क्षेत्र को अस्थिर कर देगा और यूक्रेन में रूस द्वारा की गई कार्रवाई के समान होगा. ‘एक चीन’ नीति के तहत अमेरिका बीजिंग को चीन सरकार के रूप में मान्यता देता है और उसके ताइवान के साथ कूटनीतिक संबंध नहीं हैं. बहरहाल, उसका ताइवान से अनौपचारिक संपर्क है. अमेरिका द्वीप की रक्षा के लिए सैन्य उपकरणों की आपूर्ति भी करता है.
टोक्यो में एक संवाददाता सम्मेलन में बोलते हुए अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा, हम ‘एक चीन की नीति’ से सहमत हैं, हमने इस पर हस्ताक्षर किया है, लेकिन यह विचार कि ताइवान को बल पूर्वक शासित किया जा सकता है, उचित नहीं है. पिछले साल 20 जनवरी को अमेरिकी राष्ट्रपति का पदभार ग्रहण करने के बाद जो बाइडन की एशिया की यह पहली यात्रा है. वह चीन की मुखरता, सुरक्षा और आपूर्ति श्रृंखलाओं तक पहुंच के बारे में बढ़ती चिंता के बीच इस क्षेत्र का दौरा कर रहे हैं.
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