टोक्यो: जापान की राजधानी टोक्यो में मंगलवार को भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के बीच मुलाकात हुई. इस दौरान दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय मसलों पर बात की. इस दौरान बाइडेन ने कोरोना महामारी से सफलतापूर्वक निपटने के लिए पीएम मोदी की जमकर तारीफ की.
साथ ही बाइडेन ने कोविड-19 के संक्रमण को रोकने में असफल रहने पर चीन की आलोचना भी की. अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि लोकतंत्र को बचाने के लिए भारत ने सराहनीय कोशिश की है. उन्होंने कहा कि अब लड़ाई लोकतंत्र बनाम निरंकुश शासन के बीच है.
न्यूज एजेंसी एएनआई की एक रिपोर्ट के मुताबिक, जो बाइडेन ने रूस और चीन को निरंकुश बताते हुए भारत की तारीफ की. क्वाड की बैठक के दौरान अमेरिका ने यूक्रेन युद्ध का भी जिक्र किया और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की आलोचना की.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ द्विपक्षीय बैठक में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा, ‘प्रधानमंत्री जी, हम दोनों देश मिलकर बहुत कुछ कर सकते हैं और करेंगे. मैं अमेरिका-भारत की साझेदारी को धरती पर सबसे गहरा बनाने के लिए प्रतिबद्ध हूं.’ वहीं खबरों के मुताबिक, प्रधानमंत्री मोदी ने युद्ध का जिक्र नहीं किया.
भारत और अमेरिका के बीच है विश्वास की साझेदारी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, ‘भारत और अमेरिका की रणनीतिक साझेदारी सही मायने में एक विश्वास की साझेदारी है. कई क्षेत्रों में हमारे समान हितों ने इस विश्वास के रिश्ते को मज़बूत किया है. हमारे बीच व्यापार और निवेश में भी लगातार विस्तार हो रहा है. हालांकि, यह हमारी ताक़त से बहुत कम है.’
इसके अलावा मोदी ने यह भी कहा, ‘मुझे विश्वास है कि हमारे बीच ‘इंडिया-USA इन्वेस्टमेंट इनसेंटिव एग्रीमेंट’ से निवेश की दिशा में मज़बूत प्रगति देखने को मिलेगी. हम टेक्नॉलॉजी के क्षेत्र में अपना द्विपक्षीय सहयोग बढ़ा रहे हैं और वैश्विक मुद्दों पर भी आपसी समन्वय कर रहे हैं.’
इससे पहले पीएम मोदी ने क्वाड की बैठक में कहा कि कम समय में सदस्य देशों ने पूरी दुनिया में अपनी पहचान बना ली है. उन्होंने कहा कि क्वाड देशों के बीच आपसी विश्वास और दृढ़ संकल्प न सिर्फ लोकतांत्रिक शक्तियों को एक नई ऊर्जा प्रदान कर रहा है, बल्कि समावेशी हिंद-प्रशांत क्षेत्र की स्थापना को आगे भी बढ़ा रहा है.
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