नई दिल्ली: अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग इंडोनेशिया के बाली में हाई स्टेक समिट में शिरकत करने पहुंचे हैं. यहां पर दोनों देशों के शीर्ष नेताओं ने सोमवार को मुलाकात की है. इस दौरान बाइडेन से जिनपिंग ने कहा ‘गुड टू सी यू.’ इस संबोधन के बाद राष्ट्रपति बाइडेन ने मुस्कुराते हुए उनका अभिवादन किया. यह पहला मौका था जबसे बाइडेन ने राष्ट्रपति पद संभाला है. इन दोनों शीर्ष नेताओं के बीच करीब 2 घंटे लंबी मुलाकात हुई है.
दो सबसे बड़ी अर्थ व्यवस्थाओं वाले देश जो आपस में एक दूसरे से होड़ कर रहे हैं. उनके शीर्ष नेताओं को आपस में मिलना वैश्विक स्तर पर बहुत अहम है. दुनिया की शीर्ष दो अर्थव्यवस्थाओं के बीच प्रतिद्वंद्विता तेज हो गई है, क्योंकि चीन दूसरे वर्ल्ड वॉर के बाद से प्रचलित अमेरिकी नेतृत्व वाली व्यवस्था को बदलने के बारे में अधिक शक्तिशाली और अधिक मुखर हो गया है. इस मुलाकात पर जिनपिंग ने एक बयान जारी किया है.
जिनपिंग के बयान में उन्होंने कहा, ‘आज की हमारी मुलाकात में, मैं चीन-अमेरिका संबंधों में रणनीतिक महत्व के मुद्दों पर विचारों का स्पष्ट और गहन आदान-प्रदान करने के लिए तैयार हूं. मैं उम्मीद करता हूं कि आपके साथ काम करूं. चीन और यूएस के संबंधों और स्टेबल ग्रोथ को फिर से ट्रैक पर लाजा जा सके.’ वहीं बाइडेन ने कहा, ‘बाइडेन ने कहा कि शी और उन पर यह दिखाने की जिम्मेदारी है कि अमेरिका और चीन अपने मतभेदों पर काबू पा सकते हैं, सहयोग के क्षेत्रों का पता लगा सकते हैं.’
यह बैठक दोनों महाशक्तियों के बीच बढ़ते आर्थिक और सुरक्षा तनाव के बीच हो रही है. इंडोनेशिया के एक लग्जरी रिसॉर्ट होटल में मुलाकात के दौरान शी और बाइडेन ने एक दूसरे का अभिवादन किया और हाथ मिलाया. दोनों नेता यहां जी-20 शिखर सम्मेलन में शामिल होने पहुंचे हैं.
अमेरिकी अधिकारियों का कहना है कि बाइडेन का लक्ष्य नेताओं और राष्ट्रों के बीच संबंधों में एक आधार बनाना – संभावित सहयोग के क्षेत्रों की पहचान करना और असहमति के क्षेत्रों पर परमाणु शक्तियों के बीच गलत आकलन से बचना- है. दोनों नेताओं के बीच यह बहुप्रतीक्षित बैठक ऐसे वक्त हो रही है जब उन्होंने अपने घरेलू मोर्चों पर मजबूती दिखाई है. बाइडेन की डेमोक्रेटिक पार्टी ने हाल में हुए मध्यावधि चुनावों में अमेरिकी सीनेट पर नियंत्रण कायम रखा और अगले महीने जॉर्जिया में होने वाले चुनाव में उन्हें स्थिति और मजबूत करने की उम्मीद है.
वहीं शी को अक्टूबर में हुई कम्युनिस्ट पार्टी की राष्ट्रीय कांग्रेस में परंपरा तोड़ते हुए पांच वर्ष के तीसरे कार्यकाल के लिये चुना गया. बाइडेन ने रविवार को कंबोडिया के नोम पेन्ह में संवाददाताओं को बताया, हमारे बीच बेहद थोड़ी सी गलतफहमी है. इंडोनेशिया रवाना होने से पहले, बाइडेन वहां दक्षिण पूर्व एशियाई देशों के एक सम्मेलन में हिस्सा लेने पहुंचे थे.
उन्होंने कहा, हमें अपनी सीमाएं (रेड लाइन) और अगले दो वर्षों के लिए अपनी प्राथमिकताएं तय करनी हैं. अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा, उनके लिए चीजें बदली हैं… मैं जानता हूं मैं मजबूती से उभर रहा हूं. व्हाइट हाउस के सहयोगियों ने बार-बार दोनों देशों के बीच संघर्ष की किसी भी धारणा को कम करने का आह्वान किया है. साथ ही इस बात पर जोर दिया कि उनका मानना है कि दोनों देश जलवायु परिवर्तन और स्वास्थ्य सुरक्षा जैसी साझा चुनौतियों पर मिलकर काम कर सकते हैं.
हालांकि बाइडेन के शासनकाल में अमेरिका और चीन के रिश्ते काफी तनावपूर्ण रहे हैं. अमेरिका की प्रतिनिधि सभा की अध्यक्ष नैन्सी पेलोसी के अगस्त में ताइवान की यात्रा करने के बाद दोनों देशों के बीच संबंध और खराब हो गए थे. चीन ने इसे उकसाने वाला कदम करार दिया था और इसके जवाब में स्व-शासित द्वीप के आसपास कई सैन्य अभ्यास किए थे.
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