वाशिंगटन। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने आज से शुरू होने वाले विश्व लोकतंत्र शिखर सम्मेलन के लिए 100 से अधिक देशों को आमंत्रित किया है। इन देशों में भारत के साथ उसके तीन पड़ोसी देशों को भी न्योता मिला है। इनमें से एक पाकिस्तान है तो दूसरा नेपाल और तीसरा मालदीव।
विश्व लोकतंत्र शिखर सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य लोकतंत्र पर चर्चा करना है। कोरोना महामारी के कारण वीडियो लिंक द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम को व्हाइट हाउस के द्वारा संचालित किया जाएगा। जिसमें लोकतंत्र और शक्तिशाली निरंकुशता या तानाशाही जैसे मुद्दे पर चर्चा की जाएगी। इस बीच नागरिक सुरक्षा, लोकतंत्र और मानवाधिकार राज्य के अवर सचिव उजरा जेया ने कहा कि कोई गलती न करें, हम लोकतांत्रिक गणना के क्षण में हैं।
चीन को नहीं मिला न्योता, नेपाल और मालदीव को आमंत्रण
बात करें भारत के पड़ोसी चीन को न्योता नहीं मिला है। हालांकि नेपाल और मालदीव को बुलाया गया है। उधर चीन के पड़ोसी देश दक्षिण कोरिया आज भी अमेरिका का करीबी है और उसे इस समिट का निमंत्रण मिला है।
भारत के इन पड़ोसी देशों को नहीं मिला न्योता
भारत के जिन पड़ोसी देशों को इस समिट के लिए न्योता नहीं मिला है, उनमें बांग्लादेश, श्रीलंका, म्यांमार, अफगानिस्तान, भूटान और ईरान भी शामिल हैं।
पाकिस्तान को न्योता हैरान करने वाला
लोकतंत्र के विषय में चर्चा के लिए पाकिस्तान को आमंत्रण हैरान करने वाली बात जरूर है। क्योंकि पाकिस्तान में लोकतंत्र सिर्फ दिखावा है, वहां सरकार को पीछे से सेना और आईएसआई ही चलाते हैं।
क्या है इस समिट का उद्देश्य
इस चर्चा का मुख्य उद्देश्य दुनियाभर के लोकतंत्रों के सामने आने वाली चुनौतियों और अवसरों पर ध्यान केंद्रित करना है। इसके अलावा इस समिट का उद्देश्य नेताओं को देश व दुनिया में लोकतंत्र और मानवाधिकारों की रक्षा के लिए व्यक्तिगत और सामूहिक प्रतिबद्धताओं व सुधारों की पहल की घोषणा के लिए मंच प्रदान करना है।
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