वाशिंगटन। अमेरिकी राष्ट्रपति आयोग ने राष्ट्रपति जो बाइडन को महत्वपूर्ण बैकलॉग वाले भारत जैसे देशों के लिए वीजा जारी करने की प्रतीक्षा समय को कम करने की सिफारिश की। राष्ट्रपति आयोग ने बैकलॉग वाले देशों के लिए वीजा जारी करने की प्रतीक्षा समय को अधिकतम दो से चार सप्ताह तक कम करने के लिए विदेश विभाग को एक मेमो (ज्ञापन) जारी करने पर विचार करने की सिफारिश की है।
भारत, पाकिस्तान, बांग्लादेश, नेपाल और अन्य देशों सहित विशिष्ट एशियाई देशों और प्रशांत द्वीपों के दूतावासों के साथ गैर-आप्रवासी वीजा, आगंतुक वीजा (बी1/बी2), छात्र वीजा (एफ1/एफ2) और अस्थायी कर्मचारी वीजा (एच, एल, ओ, पी, क्यू) जारी करने में असाधारण रूप से लंबे बैकलॉग हैं। भारत के मामले में यह बैकलॉग अब 1,000 से अधिक दिनों को पार कर गया है। जिसके परिणामस्वरूप अमेरिका और विदेशों में एशियाई अमेरिकी और प्रशांत द्वीपसमूह के परिवारों के साथ-साथ छात्रों, व्यवसायों और आगंतुकों के लिए बड़ी मुश्किलें सामने आ रही हैं।
अमेरिकी दूतावास ने पहले कहा था कि गैर-आप्रवासी वीजा आवेदकों के लिए प्रतीक्षा समय मार्च 2020 से संचालन में कार्यबल की कमी और कोरोना वायरस संबंधी प्रतिबंधों के कारण बढ़ गया है। इस सप्ताह एक बैठक के दौरान एशियाई अमेरिकियों, हवाई द्वीप के मूल निवासी और प्रशांत द्वीपसमूहों के लिए राष्ट्रपति के सलाहकार आयोग ने वैश्विक स्तर पर, विशेष रूप से भारत, पाकिस्तान, नेपाल, बांग्लादेश और अन्य देशों में अमेरिकी दूतावासों की ओर से वीजा जारी करने के समय में बढ़ती देरी को कम करने के लिए व्हाइट हाउस से सिफारिशें की थीं।
भारतीय अमेरिकी समुदाय के प्रख्यात नेता अजय जैन भटुरिया द्वारा लाए गए प्रस्ताव पर राष्ट्रपति आयोग ने सिफारिश की। राष्ट्रपति आयोग ने कहा कि बाइडन को भारत, पाकिस्तान, बांग्लादेश और इसी तरह की स्थितियों वाले अन्य देशों सहित महत्वपूर्ण बैकलॉग वाले देशों के लिए वीजा जारी करने की प्रतीक्षा समय को अधिकतम दो से चार सप्ताह तक कम करने के लिए विदेश मंत्रालय को एक ज्ञापन जारी करने पर विचार करने के लिए कहना चाहिए।
इसमें सुझाव दिया गया है कि विदेश मंत्रालय को विदेशों में स्थित दूतावासों को वीजा जारी करने की प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाने चाहिए और भारत और अन्य प्रभावित दूतावासों के लिए वीजा जारी करने की प्रतीक्षा समय को अधिकतम दो से चार सप्ताह तक कम करना चाहिए। साथ ही यह सिफारिश की गई है कि विदेश मंत्रालय को जहां संभव हो वहां आभासी साक्षात्कार (वर्चुअल इंटरव्यू) की अनुमति देनी चाहिए और दुनिया भर के दूतावासों के कर्मचारियों और अमेरिकी वाणिज्यि दूतावास के कर्मचारियों को उच्च बैकलॉग को कम करने के लिए आभासी साक्षात्कार आयोजित करने में मदद करनी चाहिए।
राष्ट्रपति आयोग ने यह भी सिफारिश की है कि विदेश मंत्रालय को नए पूर्णकालिक अधिकारियों, अस्थायी कर्मचारियों और संविदा कर्मचारियों को नियुक्त करना चाहिए। एशिया में जिनके पास एक महीने से अधिक का प्रतीक्षा समय है, उनसे संबंधित दूतावासों में बैकलॉग को खत्म करने के लिए सेवानिवृत्त कांसुलर अधिकारियों को वापस लाना चाहिए। 300 से ज्यादा दिनों के प्रतीक्षा समय वाले लोगों को प्राथमिकता देनी चाहिए और वीजा जारी करने के बैकलॉग को खत्म करके प्रतीक्षा समय को अधिकतम दो से चार सप्ताह तक सीमित करना चाहिए।
व्हाइट हाउस ने कहा, वीजा देरी से हम वाकिफ
व्हाइट हाउस ने गुरुवार को कहा कि बाइडन प्रशासन भारत में वीजा मिलने में हो रही लंबी देरी से वाकिफ है और वह इन वीजा सेवाओं की अहम मांग को पूरा करने के लिए काम कर रहा है। व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव काराइन जीन-पियरे ने अपने दैनिक समाचार सम्मेलन में संवाददाताओं से कहा कि मैं कह सकती हूं कि बिडेन प्रशासन मुद्दों से अवगत है।
वह भारत में अमेरिकी मिशनों में वीजा नियुक्ति की लंबी अवधि के बारे में एक सवाल का जवाब दे रही थीं, जो वर्तमान में 1,000 से अधिक दिनों तक चलती है। जीन-पियरे ने कहा, हमने काफी प्रगति की है, क्योंकि आप इसे बहुत बारीकी से कवर करते हैं, महामारी से संबंधित कर्मचारियों की चुनौतियों से उबरने के लिए हम अभी भी इन वीजा सेवाओं की महत्वपूर्ण मांग का जवाब देने के लिए काम कर रहे हैं।
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