नई दिल्ली। भारतवंशी अमेरिका में अपने हुनर का जादू बिखेर रहे हैं। आज अमेरिका में भारतीयों ने सफलता की नई इबारतें लिख दी हैं। कई क्षेत्रों में भारतीय सफलतापूर्वक काम कर रहे हैं। ऐसी ही एक शख्सियत हैं भारतवंशी वैज्ञानिक गीतांजलि राव। इन्हें अमेरिका में सम्मानित किया गया है। जानिए इस क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य के लिए उन्हें सम्मानित किया गया है। अमेरिका की प्रथम महिला जिल बाइडन ने भारतीय मूल की 17 वर्षीय अमेरिकी वैज्ञानिक गीतांजलि राव के साथ-साथ 14 अन्य युवतियों को सम्मानित किया है।
देशभर में अपने-अपने समुदायों में बदलाव लाने और एक बेहतर भविष्य को आकार देने के लिए जिल बाइडेन ने यह सम्मान दिया। अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस के मौके पर व्हाइट हाउस में बुधवार को पहले ‘गर्ल्स लीडिंग चेंज’ समारोह का आयोजन किया गया। इसमें भारतीय अमेरिकी वैज्ञानिक को सम्मानित किया गया। ‘व्हाइट हाउस जेंडर पॉलिसी काउंसिल’ द्वारा चयनित 15 युवितयों को अपने-अपने समुदायों को सकारात्मक बदलाव के लिए प्रभावित करने के उनके प्रयासों को मान्यता देने के लिए प्रथम महिला जिल ने उन्हें सम्मानित किया।
व्हाइट हाउस द्वारा जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में जिल के हवाले से कहा गया, ‘व्हाइट हाउस में ‘गर्ल्स लीडिंग चेंज’ के इस असाधारण समूह को सम्मानित करना मेरे लिए सम्मान की बात है।’ उन्होंने कहा, ‘ये युवतियां पृथ्वी की सुरक्षा और संरक्षण, सोच में बदलाव लानी वाली कहानियां लिखने व उन्हें साझा करने और अपने दर्द को लक्ष्य में बदलने का काम कर रही हैं। साथ मिलकर इन्होंने देशभर में युवाओं की क्षमता का प्रतिनिधित्व किया और मुझे ये उम्मीद है कि अन्य लोग इनके नवाचार, शक्ति और आशा से सीख सकेंगे।’
गीतांजलि राव हाइलैंड्स रेंच, कोलोराडो में रहने वाली एक युवा वैज्ञानिक हैं, जिनके सीसा संदूषण का पता लगाने वाले अभूतपूर्व उपकरण ने उन्हें ईपीए राष्ट्रपति पुरस्कार और डिस्कवरी एजुकेशन/3एम द्वारा अमेरिका के शीर्ष युवा वैज्ञानिक का पुरस्कार दिलाया। विज्ञप्ति के अनुसार, उनकी पुस्तक ‘यंग इनोवेटर्स गाइड टू एसटीईएम’, का उपयोग विश्व स्तर पर चयनित स्कूलों में एसटीईएम पाठ्यक्रम के रूप में किया जाता है जो एक निर्देशात्मक पांच-चरणीय नवाचार प्रक्रिया प्रदान करती है।
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