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    बाइडेन ने यूक्रेन पर रूस की आक्रामकता की निंदा की, उत्तर कोरिया के मुद्दे पर साधी चुप्पी

  • March 02, 2022


    वाशिंगटन । अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन (US President Joe Biden) ने अपने पहले ‘स्टेट ऑफ द यूनियन’ (‘State of the Union’) संबोधन में यूक्रेन (Ukraine) पर रूस की आक्रामकता (Russia Aggression) की निंदा की (Condemns), पर उत्तर कोरिया के मुद्दे (North Korea issue) पर चुप्पी साध ली (Keeps Silence), जिसे लेकर यूक्रेन पर चल रहे रूसी आक्रमण सहित उनके देश के सामने विभिन्न चुनौतियां हैं। योनहाप समाचार एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिकी नेता ने हालांकि, रूस के ‘अनुचित’ और ‘पूरी तरह से अकारण’ आक्रामकता की निंदा करने के लिए दर्जनों अन्य देशों के साथ दक्षिण कोरिया को धन्यवाद दिया।


    बाइडेन ने अमेरिकी कांग्रेस के संयुक्त सत्र में अपने संबोधन में कहा कि फ्रांस, जर्मनी, इटली सहित यूरोपीय संघ के 27 सदस्यों के साथ-साथ यूनाइटेड किंगडम (ब्रिटेन), कनाडा, जापान, कोरिया, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड और कई अन्य देशों, यहां तक कि स्विट्जरलैंड ने भी यूक्रेन के लोगों का समर्थन करते हुए रूस की निंदा की है।

    यूक्रेन पर आक्रमण के लिए रूस को जवाबदेह ठहराने के अंतर्राष्ट्रीय प्रयासों के तहत दक्षिण कोरिया सात प्रमुख रूसी बैंकों के साथ वित्तीय लेनदेन को निलंबित करने पर सहमत हो गया है। इसके संयुक्त राष्ट्र मिशन के प्रमुख, राजदूत चो ह्यून ने भी मंगलवार को न्यूयॉर्क में आयोजित संयुक्त राष्ट्र महासभा की एक आपातकालीन बैठक को संबोधित करते हुए रूस से यूक्रेन से अपने सैनिकों को तुरंत वापस लेने का आग्रह किया।

    जनवरी 2021 में पदभार ग्रहण करने के बाद से कई विशेषज्ञों ने बाइडेन की ओर से अपने पहले स्टेट ऑफ द यूनियन संबोधन में सबसे जरूरी मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करने का अनुमान लगाया था। फिर भी, यह रुख तब सामने आया है, जब उत्तर कोरिया ने वर्ष की शुरूआत के बाद से केवल दो महीनों में मिसाइल परीक्षणों के आठ दौर का मंचन किया है। दावा किया गया है कि इसने एक नए हाइपरसोनिक ग्लाइड व्हीकल के दो परीक्षण प्रक्षेपण और एक मध्यम दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल की फायरिंग को लेकर भी परीक्षण किए हैं।

    जनवरी 2021 में पदभार ग्रहण करने के बाद से बाइडेन प्रशासन ने बार-बार उत्तर कोरिया के साथ ‘बिना किसी पूर्व शर्त के’ मिलने की पेशकश की है। प्योंगयांग यूएस आउटरीच के प्रति अनुत्तरदायी बना हुआ है और उसने 2019 के अंत से अमेरिका के साथ परमाणु निरस्त्रीकरण वार्ता से परहेज किया है। बाइडेन द्वारा अमेरिका के सामने रखी गई चुनौतियों में चीन के साथ अमेरिकी प्रतिस्पर्धा और जलवायु परिवर्तन के साथ-साथ घरेलू स्तर पर बढ़ती मुद्रास्फीति (महंगाई) शामिल है।

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