वॉशिंगटन। अमेरिका (America) के विदेश विभाग (State Department) ने बयान में कहा है कि बाइडन प्रशासन (Biden Administration) को भारत (india) के साथ संबंधों को मजबूत करने पर अविश्वसनीय रूप से गर्व है। अमेरिका के विदेश विभाग के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर (Matthew Miller) से मीडिया से बातचीत के दौरान भारत के साथ संबंधों को लेकर सवाल किया गया। इस पर मिलर ने कहा कि ‘मैं कहूंगा कि भारत के साथ हमारे संबंधों को मजबूत करना कुछ ऐसा है जिस पर यह प्रशासन अविश्वसनीय रूप से गर्व करता है। दोनों देश क्वाड के माध्यम से, हमारे बढ़ते सहयोग और कई साझा प्राथमिकताओं से दोनों देशों के संबंध मजूबत हुए हैं।
मिलर ने कहा, ‘यह कुछ ऐसा है जिस पर हमने पहले दिन से ध्यान केंद्रित किया और अब जब हम पद छोड़ने की तैयारी करते समय एक बड़ी सफलता के रूप में देखते हैं।’ बाइडन सरकार में ही भारत और अमेरिका के बीच iCET ((महत्वपूर्ण और उभरती हुई प्रौद्योगिकी पर पहल), अमेरिकी हथियारों तक पहुंच और निवेश की दिशा में उल्लेखनीय प्रगति हुई है। चीन की आक्रामकता को रोकने के लिए भारत, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और जापान का गठबंधन क्वाड भी लगातार हिंद प्रशांत महासागर में मजबूत हो रहा है।
गौरतलब है कि अमेरिका में हुए आम चुनाव में सत्ताधारी डेमोक्रेटिक पार्टी को हार का सामना करना पड़ा है और अब डोनाल्ड ट्रंप की जीत के साथ ही रिपब्लिकन पार्टी अमेरिका की सत्ता पर काबिज होगी। अमेरिका में सरकार बदलने के साथ ही इस बात की भी चर्चा शुरू हो गई है कि अब नई सरकार भारत के साथ अपने संबंधों को कितनी तरजीह देगी। वहीं विशेषज्ञों का कहना है कि अमेरिका में सरकार चाहे किसी भी पार्टी की रहे, लेकिन अमेरिका के भारत के साथ संबंध मजबूत ही होंगे। इसकी वजह चीन का बढ़ता दबदबा और भारत की मजबूत होती अर्थव्यवस्था है। साल 2016 में जब डोनाल्ड ट्रंप राष्ट्रपति बने थे, तब भी उन्होंने भारत के साथ अपने संबंधों को प्राथमिकता दी थी, ऐसे में उम्मीद की जा रही है कि एक बार फिर ट्रंप के सत्ता में वापसी करने से दोनों देशों के रिश्तों में गर्माहट बनी रहेगी।
हालांकि ट्रंप की राजनीति को देखें तो भारत को कुछ परेशानियां भी हो सकती हैं और उनमें आर्थिक संबंधों का मुद्दा सबसे अहम है। ट्रंप अपने चुनाव प्रचार के दौरान ही भारत द्वारा अमेरिकी सामान पर लगाए जाने वाले टैरिफ को लेकर शिकायत कर चुके हैं और उन्होंने कहा था कि वे सत्ता में आने पर उन देशों पर ज्यादा टैरिफ लगाएंगे, जो अमेरिकी सामान पर ज्यादा टैरिफ लगाते हैं। अब अगर ट्रंप ने वैसा ही किया तो उससे भारत को नुकसान उठाना पड़ सकता है।
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