इंदौर (Indore)। होलकर प्रतिमा से भूरी टेकरी जंक्शन होते हुए बायपास तक बनाई गई फोर लेन सडक़ वाहन चालकों के लिए नई परेशानी खड़ी कर रही है। पीडब्ल्यूडी की इस सडक़ पर न तो रात में पर्याप्त रोशनी के लिए सेंट्रल लाइटिंग का प्रबंध है, न ही आने-जाने वाले वाहनों के लिए सडक़ के बीच में डिवाइडर बनाए गए हैं।
होलकर प्रतिमा से भूरी टेकरी जंक्शन के बीच सडक़ के बीच में डिवाइडर की जगह तो छोड़ी गई है, लेकिन डिवाइडर अब तक नहीं बने हैं। इस कारण दोनों तरफ के वाहन कई बार आमने-सामने आ जाते हैं, जिससे दुर्घटना का खतरा हमेशा बना रहता है। डिवाइडर के लिए छोड़े गए स्थान पर मिट्टी भरी हुई है, जिससे दिन-रात गाडिय़ों से धूल उड़ती रहती है। सेंट्रल लाइटिंग नहीं होने से अंधेरे में वाहनों की रोशनी पर ही निर्भर रहना पड़ता है। सडक़ के दोनों तरफ कॉलोनियों की कई सडक़ें आकर मिलती हैं, जहां से लगातार वाहन बिचौली रोड आते-जाते रहते हैं।
तीन करोड़ का प्रस्ताव मंजूर होने का इंतजार
कायदे से पीडब्ल्यूडी सडक़ निर्माण के टेंडर के साथ डिवाइडर और लाइटिंग के टेंडर बुलाना थे, लेकिन शहरी सडक़ होने के बावजूद अफसरों ने इस गंभीर समस्या पर ध्यान नहीं दिया। अब तक सडक़ का ज्यादातर काम पूरा हो गया है, तब पीडब्ल्यूडी की नींद खुली है। दोनों कार्यों के लिए लगभग तीन करोड़ रुपए का अतिरिक्त प्रस्ताव शासन की मंजूरी के लिए मुख्यालय भेजा गया है, जिसकी स्वीकृति अब तक नहीं मिली है।
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