नई दिल्ली (New Delhi)। भूटान के प्रधानमंत्री (Bhutan Prime Minister) भारत के दौरे (India visit) पर हैं। इस दौरान उन्होंने विदेश मंत्री एस जयशंकर (Foreign Minister S Jaishankar) से मुलाकात की। इस दौरान दोनों देशों के नेताओं ने संबंधों को आगे बढ़ाने पर चर्चा की। एक्स पर पोस्ट करते हुए जयशंकर ने कहा कि भारत यात्रा (India trip) के दौरान प्रधानमंत्री शेरिंग टोबगे (Prime Minister Tshering Tobgay) से मिलकर खुशी हुई। भारत-भूटान संबंधों को आगे ले जाने के लिए चर्चा की।
प्रधानमंत्री मोदी से भी की थी मुलाकात
बता दें, भूटानी पीएम पांच दिवसीय यात्रा पर भारत आए हैं। गुरुवार को उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) से उनके आधिकारिक आवास पर मुलाकात की। दोनों देशों के प्रधानमंत्री ने नई दिल्ली और थिम्फू के बीच अद्वितीय और विशेष साझेदारी के संबंध में सार्थक चर्चा की। पीएम मोदी ने अगले सप्ताह भूटान आने का निमंत्रण देने के लिए टोबगे और भूटान नरेश को धन्यवाद दिया।
केंद्रीय मंत्री ने किया था स्वागत
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) के निमंत्रण पर राजकीय दौरे पर पहुंचे भूटानी प्रधानमंत्री तोबगे का केंद्रीय मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने नई दिल्ली एयरपोर्ट पर स्वागत किया था। भूटानी प्रधानमंत्री के साथ उनकी पत्नी भी भारत आई हैं। पीएम तोबगे का यह दौरा अंतरराष्ट्रीय संबंधों और कूटनीतिक नजरिए से भी बेहद खास माना जा रहा है। जनवरी में पहली बार पीएम बने तोबगे पहले विदेश दौरे पर भारत पहुंचे हैं।
भूटान का उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल भी भारत आया
भारत आगमन के बाद पीएम तोबगे का देश की आर्थिक राजधानी मुंबई जाने की भी योजना है। विदेश मंत्रालय ने कहा, पीएम तोबगे के दौरे के दौरान दोनों देशों के पारस्परिक संबंधों में बीते दशकों में हुई प्रगति की समीक्षा की जाएगी। खबरों के मुताबिक तोबगे के साथ विदेश मंत्री, ऊर्जा, उद्योग, वाणिज्य और रोजगार मंत्री भी भारत आए हैं। भूटान की सरकार का उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल भी भारत दौरे पर आया है।
चीन-भारत सीमा विवाद के नजरिए से भी महत्वपूर्ण यह यात्रा
बता दें, भूटान में पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) के नेता त्सेरिंग टोबगे के नेतृत्व में नई सरकार का गठन हुआ है। यह उनकी पहली भारत यात्रा है। यह यात्रा चीन के साथ सीमा विवाद के कारण भी अहम मानी जा रही है। चीन और भूटान अपने पुराने सीमा विवाद के त्वरित समाधान के लिए प्रयासरत हैं और उसका भारत के सुरक्षा हितों पर प्रभाव हो सकता है।
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