उज्जैन। भोपाल में रहने वाला एमआर युवक आज तड़के तीन बजे अपने पाँच दोस्तों के साथ देवदर्शन के लिए उज्जैन आया था। यहाँ पहुंचकर सभी लोग शिप्रा नदी में स्नान करने के लिए रामघाट पर आए। नदी में नहाते समय पाँच दोस्तों में से दो डूबने लगे जिसमें एक को तो उन्होंने बचा लिया लेकिन एमआर युवक की डूबने से मौत हो गई। इस दौरान युवकों ने बचाने के लिए आवाज लगाई लेकिन घाट पर कोई तैराक मौजूद नहीं था। घटना ढाई घंटे बाद शव को बाहर निकाला जा सका।
महाकाल थाना पुलिस ने बताया कि भोपाल के अशोका गार्डन निवासी हेमंत पिता जसवंत शर्मा एमआर का काम करता था। कल रात 3 बजे वह अपने चार दोस्तों के साथ टे्रेन द्वारा देवदर्शन के लिए उज्जैन आया था। उसके साथ निखिल साहू, सतीश, अनिल और पारस आए थे। पाँचों दोस्त उज्जैन पहुँचने के बाद शिप्रा स्नान के लिए रामघाट पर पहुँच गए। यहाँ पर वे दत्त अखाड़ा क्षेत्र में नदी में नहाने के लिए उतर गए। नहाने के दौरान हेमंत और निखिल गहरे पानी में जाकर डूबने लगे, इस पर उनके साथियों ने बचाने का प्रयास किया और उन्होंने निखिल को तो बचा लिया लेकिन हेमंत को नहीं बचा पाए और डूबने से उसकी मौत हो गई। इस दौरान युवकों ने बचाने के लिए काफी देर तक पुकार लगाई लेकिन घाट पर एक भी तैराक मौजूद नहीं था जिसके कारण युवक की जान नहीं बच सकी। इधर सुबह 6.30 बजे बाद जब तैराक आए तब जाकर शव को पानी से बाहर निकाला जा सका। मौके पर पुलिस भी पहुँच गई थी। शव को पोस्टमार्टम के लिए अस्पताल लाया गया। हेमंत की मौत की सूचना उसके परिजन को दी गई जो दोपहर तक उज्जैन आएँगे। उनके आने के बाद शव का पोस्टमार्टम कराया जाएगा। उल्लेखनीय है कि शिप्रा के घाटों पर 27 से ज्यादा तैराक और होमगार्ड के जवान तैनात कर रखे हैं लेकिन इसके बावजूद भी हर दो-तीन दिन में एक-दो लोगों की डूबने से मौत हो रही है और सुरक्षा के इंतजाम भी नहीं किए गए हैं।
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