भोपाल। मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) की राजधानी भोपाल (Bhopal) में अब बिना मास्क के गाड़ी चलाने वालों (drivers without masks) की खैर नहीं. ट्रैफिक पुलिस (Traffic police) के ई-चालान (e-challan pattern) की तर्ज पर अब बिना मास्क लगाकर गाड़ी चलाने वालों पर भी कार्रवाई होगी. गाड़ी नंबर के आधार पर चालान तैयार कर उसे घर पर भेजा जाएगा. जिला प्रशासन ने इसकी तैयारी पूरी कर ली है।
गौरतलब है कि शहर में कोरोना के मामले बढ़ते जा रहे हैं और कई लोग अभी भी कोरोना गाइडलाइन का पालन नहीं कर रहे. कई लोग बिना मास्क के ही लोगों से संपर्क कर रहे हैं. ऐसे लोगों पर अभी ऑन द स्पॉट 200 रुपए का चालान काटा जाता है। भोपाल के एडिशनल पुलिस कमिश्नर सचिन अतुलकर ने कहा कि इस कोरोना काल में पुलिस की सभी तकनीकों का इस्तेमाल किया जा रहा है। अब सीसीटीवी फुटेज और उनकी तकनीक के अनुसार मास्क नहीं लगाने वालों पर भी कार्रवाई पर विचार किया जा रहा है।
इसलिए पड़ी जरूरत
बता दें, कोरोना की तीसरी लहर में सरकार ने मास्क नहीं लगाने वाले लोगों के खिलाफ चालानी कार्रवाई के निर्देश दिए हैं. इन निर्देशों के तहत जिला प्रशासन बिना मास्क के घूमने वाले लोगों और वाहन चलाने वाले लोगों पर चालानी कार्रवाई करता है. यह कार्रवाई ऑन द स्पॉट की जाती है. भोपाल के एडिशनल पुलिस कमिश्नर सचिन अतुलकर ने कहा कि बिना मास्क के लोगों के खिलाफ ई-चालान की कार्रवाई पर इसलिए जोर दिया जा रहा है, ताकि कोरोना के संक्रमण को बढ़ने से रोका जाए और लोगों की जान को बचाया जा सके।
तीसरी लहर दूसरी से ज्यादा संक्रामक
मध्य प्रदेश में कोरोना वायरस की तीसरी लहर दूसरी से ज्यादा संक्रामक होती दिखाई दे रही है. डराने वाली बात ये है कि प्रदेश में कोरोना पॉजिटिव मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है, जबकि रिकवरी रेट घट रही है. रिकवरी रेट 7% तक घट गई है. संक्रमण से होने वाली मौतों के आंकड़े भी बढ़ते दिखाई दे रहे हैं. विशेषज्ञों का कहना है कि अगर लोग नहीं माने तो इसका असर ज्यादा समय तक देखेने को मिल सकता है. कोरोना की तीसरी लहर फरवरी महीने से लेकर मार्च के अंत तक देखी जा सकती है।
मध्य प्रदेश में बीते 24 घंटे में कोरोना से 11 हजार 274 मरीज सामने आए हैं, जबकि 5 लोगों की मौत हुई है. ग्वालियर के डबरा में एक दिन पहले एक 5 दिन की बच्ची की मौत भी हो गई. विशेषज्ञों के मुताबिक, दूसरी लहर का रिकॉर्ड रविवार को टूट सकता है. दूसरी लहर में एक दिन में 12 हजार से ज्यादा केस देखने को मिले थे।
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