कोरोना की चौथी लहर का फिलहाल कोई खतरा नहीं
सभी नमूने नेगेटिव भी निकले, 24 घंटे में 9 मरीज मिले
इंदौर। कोरोना (corona) की चौथी लहर (fourth wave) का हल्ला मीडिया (media) ने फिर मचाना शुरू कर दिया। जबकि तीसरी लहर (third wave) में ही यह साबित हो गया कि अब कोरोना भारत के लिए उतना घातक नहीं रहा, क्योंकि वैक्सीनेशन (vaccination) के साथ-साथ एक बड़ी आबादी संक्रमण की चपेट में भी आ चुकी है। अब कोरोना का नया वैरिएंट एक्सई बताया गया है, जिसके मद्देनजर जिनोम सिक्वेंसिंग टेस्टिंग (genome sequencing testing) करवाई जा रही है। इंदौर से पिछले दिनों भोपाल एम्स (Bhopal AIIMS) कई सैम्पल भेजे गए। हालांकि सभी की रिपोर्ट नेगेटिव ही मिली है। बावजूद इसके सतर्कता बरतने के निर्देश जारी किए गए हैं।
सालभर पहले कोरोना (corona) की जो दूसरी लहर आई थी, उसने अवश्य इंदौर सहित देशभर में हजारों जानें लीं और उसके बाद वैक्सीनेशन अभियान भी तेज गति से चला। इंदौर में तो शत-प्रतिशत वयस्क आबादी को दोनों डोज और अब तीसरा बूस्टर डोज भी लगाया जा रहा है, जिसका फायदा यह मिला कि तीसरी लहर जो जनवरी में आई, उसमें एक ही माह में 45 हजार से अधिक कोरोना मरीज मिले। मगर उनमें से 99 फीसदी से ज्यादा घर पर तीन-चार दिन में ही सामान्य सर्दी, जुखाम, बुखार से पीडि़त होकर स्वस्थ हो गए और अब यही स्थिति चिकित्सकों, कोरोना (corona) विशेषज्ञों द्वारा चौथी लहर के संबंध में भी बताई जा रही है। मगर दिल्ली सहित कुछ शहरों में मरीजों की संख्या बढऩे के कारण मीडिया ने फिर हल्ला मचाकर डराना शुरू कर दिया। प्रदेश सरकार की ओर से भी सभी जिलों के लिए नए वैरिएंट एक्सई के मद्देनजर दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। इंदौर में बीते 24 घंटे में हालांकि 9 कोरोना के मरीज मिले हैं, जबकि इसके पूर्व शून्य या एक-दो मरीज मिल रहे थे। उपचाररत मरीजों की संख्या 20 हो गई है, मगर कोई घबराने की जरूरत नहीं है। जिनोम सिक्वेंसिंग टेस्टिंग में भी कोरोना का नया वैरिएंट नहीं पाया गया है।
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