भोपाल। ऐशबाग इलाके में प्रतिबंधित संगठन जमात ए मुजाहीद्दीन के चार संदेही आतंकियों की गिरफ्तारी के बाद भोपाल पुलिस के खूफिया तंत्र पर सवाल खड़े हो गए। जिसे देखते हुए अधिकारियों ने मुखबिर तंत्र को पहले से अधिक बहतर मजबूत करने पर विचार शुरु कर दिया है। पुलिस सूत्रों की माने तो शहर में सक्रीय मुखबिरों की संख्या में इजाफा किया जा सकता है। लोकल पुलिस के इंटेलीजेंस सिस्टम में कहां खामियां हैं, इस पर भी ध्यान दिया जाएगा। तमाम थाना क्षेत्रों में बीट में काम करने वाले अधिकारियों कर्मचारियों को पकड़ मजबूत करने निर्देशित किया जा रहा है। कल की कार्रवाई के बाद दिन भर ऐशबाग थाने में अफरा तफरी का महौल रहा। तमाम आला अधिकारियों का यहां आना जाना रहा। आज सुबह से भी कुछ इसी तरह के हालात हैं। आला अधिकारी इस बात से खासे नाराज बताए जा रहे हैं कि आतंकी तो दूर संबंधित थाने को दो घंटे तक इलाके में चली एटीएस की कार्रवाई की भनक तक नहीं लगी।
जानकारी के अनुसार आरोपी लंबे समय तक यहां रहे, संबंधित थाने से लेकर डीएसबी,क्राइम ब्रांच सीआईडी तक किसी को इसकी भनक तक नहीं लगी। एटीएस की कार्रवाई के बाद अब आला अधिकारी बिना वैरिफिकेशन के संदेहियों को मकान देने वालों के खिलाफ कार्रवाई कराने की बात कह रहे हैं। वहीं शहर भर में मूहीम चलाकर बाहरी किराएदारों के वैरिफिकेशन कराने की बात कही जा रही है। किराएदारों की सूचना नहीं देने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई कराने के दावे किए जा रहे हैं। हालांकि पूर्व में भी इस प्रकार की मूहीम भोपाल पुलिस द्वारा समय-समय पर चलाई गई और समय के साथ ठंडे बस्ते में चली गई। वहीं एटीएस की कार्रवाई के बाद संदेहियों द्वारा कमरे में छोटे-छोटे ग्रुप बनाकर पढ़ाई के बहाने मीटिंग करने की बात सामने आई है। एटीएस संदेहियों के लोकल नेटवर्क की जड़े खंगालने में जुट गई है। इधर पुलिस सूत्रों की माने तो लोकल पुलिस भी अपने स्तर पर आरोपियों के संपर्क में अधिक रहने वाले लोकल के लोगों की जानकारी जुटा रही है।
इन आतंकियों की हुई गिरफ्तारी
होगा किराएदारों का वैरिफिकेशन
एसीपी अभिनव विश्कर्मा ने बताया कि एटीएस ने गोपनीय तरीके से ऐशबाग से संदेही आतंकियों की गिरफ्तारी की है। एटीएस अपना काम बहेद खूफिया अंदाज में करती है। एसीपी का कहना है कि किराएदारों का वैरिफिकेशन सामान्य तौर पर जारी रहता है। मकान मालिकों द्वारा वैरिफिकेशन अनिवार्य रूप से कराया जाए इसके लिए उनके अधीन आने वाले तीनों थानों में लोगों को जागरुक करने की मूहीम चलाई जाएगी।
इनका कहना है
पूरी कार्रवाई की जानकारी लोकल पुलिस को नहीं थी। यहां की पुलिस का किसी प्रकारं का सहयोग भी एटीएस ने नहीं लिया। एटीएस के अधिकारियों से फिलहाल बात नहीं हो सकी है। उनसे बात करने के बाद सामने आएगा की लोकल पुलिस से किसी प्रकार की चूक हुई कि नहीं, स्लीपर सेल के विस्तार को रोकने के लिए किस स्तर पर काम करने की जरूरत है। इसके बाद ही आगे का एक्शन प्लान तय की जाएगा।
मकरंद देउस्कर, पुलिस कमिश्नर भोपाल
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