भोपाल। प्रदेश के आईएएस अधिकारी लोकेश जांगिड़ (IAS officer Lokesh Jangid) को फोन पर मिली धमकी मामले में भोपाल पुलिस (Bhopal Police) को अभी तक आरोपी का कोई सुराग नहीं लगा है। पुलिस (Police) ने शनिवार को जांगिड़ के बयान दर्ज किए हैं। तीन पेज के स्टेटमेंट (Statment) में जांगिड़ ने बताया कि उन्हें सोशल ग्रुप सिग्नल (Social Group Signal) पर धमकी मिली थी। जिसमें कॉलर की डिटेल छिपी रहती है। उन्होंने पुलिस को दिए बयान में मांग की है कि सिग्रल से उनका डाटा रिकवर किया जाए। भोपाल पुलिस (Bhopal Police) ने DGP से निर्देश मिलने के बाद कॉल के लिए उपयोग करने वाले ऐप की जानकारी के लिए सेंट्रल सर्विस (Central Service) को पत्र लिखा है। जांगिड़ में बयान में बताया कि आरोपी ने कॉल (Call) करने के बाद सिग्नल ऐप को अन इंस्टॉल कर दिया था।
आरोपी तक पहुंचना भोपाल पुलिस के बूते की बात नहीं
सिग्नल एक सुरक्षित मैसेजिंग एप है। यह काफी हद तक वॉट्सऐप की तरह ही है। इसकी खासियत यह है कि यूजर का डाटा क्लाउड सर्वर में स्टोर नहीं होता है। वह फोन में ही सेव रहता है। इस कारण से पुलिस को आरोपी का पता लगाने में मुश्किल होती है। जांगिड़ मामले में भी यह हो रहा है। आरोपी ने कॉल करने के बाद ऐप अन इंस्टॉल कर दिया। ऐसे में उसकी कोई भी जानकारी अब नहीं है। यह आरोपी के फोन को जब्त करने के बाद ही प्राप्त की जा सकती है।
आईएएस अफसर जांगिड़ आदतन झगड़ालू हैं: सारंग
आईएएस जांगिड़ मामले से एसोसिएशन पहले ही किनारा कर चुकी है। अब अब चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग भी इस विवाद में कूछ पड़े हैं। उन्होंने कहा है कि आईएएस अधिकारी लोकेश कुमार जांगिड़ आदतन झगड़ालू प्रवृत्ति के अफसर हैं। जहां-जहां भी उनकी पोस्टिंग रही, वहां के सीनियर अफसरों के साथ उनके झगड़े हुए। वे अब भी लगातार अखिल भारतीय सेवा के लिए बने सर्विस रूल का उल्लंघन कर रहे हैं। उन्होंने हर स्तर पर हुई बातचीत तो सार्वजनिक किया। फिर धमकी की बात कही। जब उनसे सबूत मांगे गए तो कुछ नहीं मिला।
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