भोपाल। शहर में जगह-जगह कचरे के ढेर लगे हैं, लिटर बिन टूटे हुए हैं, शहर में कई जगह सीवेज खुले में बह रहा है। यह स्थिति तब है जब शहर में किसी भी समय स्वच्छ सर्वे की टीम आ सकती है। केंद्र सरकार ने 1 जुलाई से स्वच्छ सर्वे शुरू करने की घोषणा की थी। आधा महीना बीत गया है और देश भर में कहीं भी सर्वे शुरू नहीं हुआ है। यानी हमें तैयारी के लिए और समय मिल रहा है, लेकिन निगम का पूरा फोकस केवल फीडबैक पर है। जबकि जमीनी हकीकत यह है कि सफाई कहीं दिख नहीं रही है। शहर में लोगों की शिकायत है कि कॉलोनियों में कचरे के ढेर लगने लगे हैं और नालों की भी सफाई नहीं हुई है। इससे यह साफ पता लगता है कि पूरे शहर के हालात एक जैसे हैं। ऐसे में फीडबैक क्या होगा समझा जा सकता है। यदि स्वच्छता में बेहतर स्थान पाना है तो सफाई तो दिखानी होगी।
नालों में भरा कचरा, सीवेज भी बह रहा
शहर के बड़े नालों में शुमार पातरा नाले की अब तक सफाई नहीं हुई है। इको ग्रीन पार्क कॉलोनी के रहवासियों के अनुसार नाले के किनारे बने अस्पतालों का वेस्ट भी डाला जा रहा है। अरेरा कॉलोनी ई-7 के रहवासियों के अनुसार कॉलोनी से गुजरने वाला नाला भी साफ नहीं हुआ है। लालघाटी के पास निर्मल एनक्लेव, जैन नगर फेज-2 में कचरे के ढेर लगे हैं।कटारा हिल्स की सेंचुरियन स्काय कॉलोनी में लोग कचरा नाले में डंप कर रहे हैं। होशंगाबाद रोड स्थित विद्या नगर में नाला ब्लॉक किया हुआ है। एयरपोर्ट रोड स्थित दाता कॉलोनी के नाले में सीवेज बहता हुआ नजर आ रहा है। मनीषा मार्केट में गंदगीके ढेर लगे हुए हैं। कोलार रोड, नेहरू नगर, कोटरा सुल्तानाबाद, अवधपुरी, सलैया और बावडिय़ा कला में खाली प्लाटों पर कचरे के ढेर की समस्या का अब तक कोई हल नहीं निकल सका है।
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