भोपाल। मंत्रालय में कैबिनेट की बैठक की शुरूवात राष्ट्रीय गीत ‘वंदे मातरम्’ के गायन के साथ हुई।
जानिए बैठक में लिए गए अहम निर्णय :
इंदौर, भोपाल, जबलपुर, छिंदवाड़ा, रतलाम, बैतूल, खरगोन में रविवार को लॉकडाउन रहेगा (शनिवार रात 10 बजे से सोमवार सुबह 6 बजे तक रहेगा लॉकडाउन)।
आने वाले त्योहारो शबे बारात, ईस्टर, होली पर सामाजिक गेदरिंग प्रतिबंधित रहेगा।
सभी जिलों को निर्देश क्राइसेस मैनेजमेंट की बैठक अभी धर्म के लोगो से करे
कोरोना के इलाज में कोई कमी नही आने दी जाएगी,बिस्तरों की संख्या समुचित है,जरूरत पड़ेगी तो और बढ़ाई जाएगी
कॉलोनी बनाने की अनुमति देने वाले अधिकारियों पर भी होगी कार्यवाही
अवैध कालोनियों को काटने वालो पर होगी कार्यवाही ,
(7 साल की सजा 10 लाख तक का जुर्माना)।
अवैध कालोनियों को वैध करने का लिया निर्णय अवैध कालोनियों को नियमित करने का कैबिनेट में प्रस्ताव पारित किया गया।
इस बिल को अध्यादेश के माध्यम से प्रदेश में लागू किया जाएगा, इसके बाद नियम बनाएगी सरकार ।इसके बाद नियम बनाए जाएंगे, जिसमें अवैध कॉलोनी की कट ऑफ डेट, नियमित योग्य कॉलोनी में इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट के लिए कॉलाेनाइजर और रहवासियों से कितनी राशि ली जाएगी।
नियमितिकरण का सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि लोग के अवैध मकान प्रक्रिया के तहत वैध हो जाने से उन्हें बैंक लोन की पात्रता मिल जाएगी। कॉलोनी में नगरीय निकाय के जरिए सड़क, बिजली, पानी की सुविधा मिलने लगेगी। यह भी तय किया है कि जिन मकानों में नक्शे से अधिक निर्माण किया है, उसमें 20% अधिक निर्माण की कंपाउंडिंग यानी समझौता शुल्क लेकर सेटल किया जाएगा। इससे अधिक निर्माण को तोड़ा जाएगा।
कैबिनेट में हुए निर्णय के बारे में चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने बताया, बिना अनुमति निर्माण करने पर क़ालोनाइजर अथवा बिल्डर के खिलाफ 7 साल तक की सजा और 10 लाख रुपए का जुर्माना होगा। ऐसे प्रावधान नियमों में किए जाएंगे।
बता दें, नगरीय विकास एवं आवास मंत्री भूपेंद्र सिंह ने विधानसभा में बजट सत्र के दौरान घोषणा की थी, अवैध कॉलाेनियों को वैध करने के लिए नगर पालिका विधि (संशोधन) विधेयक 2021 प्रदेश में लागू किया जाएगा, लेकिन कोरोना के चलते बजट सत्र 10 दिन पहले स्थगित होने के कारण सरकार इसे पेश नहीं कर पाई थी।
दरअसल, अवैध कॉलोनियों को वैध करने में कई अड़चने हैं, इसलिए नगरीय प्रशासन ने पेंडिंग नियमों को मोडिफाई कर नए एक्ट के ड्राफ्ट को मंत्रालय भेजा था। इससे पहले भी नियमों में परिवर्तन कर राज्य सरकार ने कुछ कॉलोनियों को वैध करार दिया था, लेकिन ग्वालियर हाईकोर्ट ने उस पर रोक लगा दी थी।
प्रदेश में करीब 6876 अवैध कॉलोनियां हैं। ग्वालियर, जबलपुर, भोपाल और इंदौर में ऐसी कॉलोनियां सबसे ज्यादा हैं। शिवराज सरकार अगर निकाय चुनाव से पहले इन्हें नियमित कर देती है, तो यह बीजेपी के लिए गेम चेंजर साबित हो सकता है। हालांकि शिवराज सिंह चौहान ने 2018 के विधानसभा चुनाव के दौरान भी घोषणा की थी, लेकिन सत्ता में वापस नहीं लौट पाए थे। कांग्रेस की सरकार में यह ठंडे बस्ते में चला गया था।
कोलोनेजर की संपत्ति कुर्क कर उस कॉलोनी का विकास करवाया जाएगा
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