भोपाल। राष्ट्रीय लोक अदालत के अंतर्गत जिला न्यायालय भोपाल में शनिवार को सम्पन्न लोक अदालत में 7 हजार 6 सौ से अधिक प्रकरणों का निराकरण किया गया। जिला एवं सत्र न्यायाधीश गिरीबाला सिंह ने बताया कि भोपाल जिला न्यायालय के अधीन लोक अदालत में 63 खंडपीठों का गठन किया गया था, जिसमें प्री लिटिगेशन के 32 हजार और पेंडिंग केस में 31 हजार प्रकरण थे।
उन्होंने बताया कि खंडपीठों द्वारा सभी पक्षों के साथ लगातार संपर्क बनाकर मध्य मार्ग निकालने के प्रयास में अधिवक्ताओं और पक्षकारों की मदद से सफल लोक अदालत का आयोजन हुआ अदालत में 47 करोड़ रुपये से अधिक राशि के अवार्ड पारित हुए है। इसमें लगभग 9 हजार से अधिक लोग और परिवार लाभान्वित हुए और सरल , सुग्मय न्याय प्राप्त हुआ है।
जिला न्यायालय परिसर में जिला एवं सत्र न्यायाधीश गिरिबाला सिंह, कलेक्टर अविनाश लवानिया और डीआईजी इरशाद वली ने महात्मा गांधी की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्वलन कर लोक अदालत का शुभारंभ किया।
लोक अदालत में बैंक और राशि रिकवरी के 263 प्रकरणों में 1 करोड़ 34 लाख राशि के प्रकरण निराकृत हुए है। विद्युत संबंधी मामलों में 789, नगर निगम जल कर के 4 हजार 6 सौ प्रकरण का निराकरण हुआ है। क्रिमिनल कंपाउंडिंग में 510, विवाह संबंधी 126, सिविल के 158 प्रकरणों में हुआ है।
विदिशा जिले में 1470 प्रकरणों का निराकरण, तीन करोड़ से अधिक के अवार्ड पारित
वहीं, विदिशा जिले में शनिवार को संपन्न हुई नेशनल लोक अदालत में आपसी सुलह से 1470 प्रकरणों का समाधान हुआ है । वही इन प्रकरणों में तीन करोड़ 38 लाख 47 हजार 690 राशि के अवार्ड पारित किए गए हैं। नेशनल लोक अदालत के लिए जिले में कुल 28 खंडपीठ में का गठन किया गया था।
जिला न्यायाधीश एवं सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण उपेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि इस लोक अदालत में न्यायिक न्यायालय के 2882 प्रकरण तथा प्री लिटिगेशन के 8008 प्रकरण निराकरण हेतु प्रस्तुत किए गए थे। जिसमें से न्यायिक न्यायालय के 962 प्रकरण तथा प्रीलिटिगेशन के 508 प्रकरणों में आपसी सुलह से निराकरण हुआ है। (एजेंसी, हि.स.)
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