भोपाल। प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना का लाभ देने में भोपाल प्रदेश में पहले पायदान पर पहुंच गया है। इस योजना के तहत 10 हजार रूपए का लोन दिया जाता है। लॉक डाउन में यह योजना पूरे देशभर में लागू हुई थी। शनिवार को नगर निगम कमिश्नर केवीएस चौधरी बैंकों के जोनल हेड से चर्चा करने पहुंचे और कहा कि जो प्रकरण निगम ने बनाकर भेजे हैं, एेसे शेष प्रकरणों में भी जल्द लोन उपलब्ध कराएं। दरअसल लॉकडाउन में हजार फुटपाथों पर अपनी अजीविका चलाने वाले बेरोजगार हो गए थे। उन्हें वापस रोजगार उपलब्ध कराने के उद्देश्य से प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना लागू की गई। इसमें 10 हजार का लोन मिलता है, ताकि फुटपाथों पर छोटा करोबार करने वाले वापस अपना कारोबार शुरू कर सकें। इसके लिए निगम ने पथ विक्रेताओं का सर्वे किया। अब तक निगम 10 हजार से अधिक हितग्राहियों को लोन दिला चुका है। यह आंकड़ा प्रदेश में पहले नंबर पर है। यानि निगम लोन दिलाने में प्रदेश में पहले पायदान पर पहुंच गया है। निगम कमिश्नर केवीएस चौधरी ने इसकी समीक्षा की तो कई प्रकरण शेष रह गए थे। शनिवार को उन्होंने तुरंत बैंकों से संपर्क किया और खुद बैंक पहुंच गए, जहां उन्होंने बैंकों से कहा कि चयनित हितग्राही बैंक पहुंचते हैं तो बैंक लोन देने में देरी न करें। बैंक अधिकारियों ने निगम कमिश्नर को भरोसा दिलाया कि प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना के तहत विशेष अभियान चला कर एक सप्ताह में अधिक से अधिक हितग्राहियों को लोन की राशि उपलब्ध करा दी जाएगी। बताया जाता है कि कमिश्नर श्री चौधरी बैंक ऑफ इंडिया की अरेरा हिल्स स्थित जोनल कार्यालय, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया का मैदा मिल स्थित कार्यालय, बैंक ऑफ बड़ौदा के एमपी नगर जोन 1 स्थित जोनल कार्यालय पहुंचे, जहां बैंकों के जोनल हेड से मुलाकात की। कमिश्नर ने बताया कि 10 हजार रूपए का बिना ब्याज लोन उपलब्ध कराया जा रहा है और लगभग 28 हजार से अधिक फार्म बैंकों को भेजे गए हैं, जिसमें से 16 हजार प्रकरणों को स्वीकृत किया जाकर 10 हजार 700 हितग्राहियों को 10-10 हजार लोन मिल चुका है, जबकि 12 हजार के लगभग प्रकरण बैंकों में लोन के लिए विचाराधीन है।
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