भोपाल । राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण-5 (2018-21) की रिपोर्ट के अनुसार मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के भोपाल जिले में पिछले पांच साल में जन्म लिए शिशुओं में 1000 लड़कों पर 1261 बालिकाओं का जन्म हुआ है। जन्म के समय में भोपाल जिले की यह स्थिति प्रदेश एवं देश के कई राज्यों से कहीं ज्यादा है।
यह जानकारी भोपाल मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (सीएमएचओ) डॉ. प्रभाकर तिवारी ने गुरुवार को कलेक्टर अविनाश लवानिया की अध्यक्षता में हुई पीसीपीएनडीटी एक्ट के अंतर्गत गठित जिला स्तरीय समिति की बैठक में दी गई। बैठक में कलेक्टर लवानिया (collector lavania) ने सीएमएचओ डॉ. तिवारी को निर्देश दिए कि जिले में टीम गठित कर सभी संस्थानों की जांच की जाए। उन्होंने साथ ही आकस्मिक निरीक्षण करने के लिए टीमें गठित करने भी कहा। बैठक में डॉ. तिवारी ने पी.सी.पी.एन.डी.टी. एक्ट के प्रावधानों एवं जिले की स्थिति के बारे में अवगत कराया।
इस अवसर पर कलेक्टर लवानिया ने कहा कि पी.सी.पी.एन.डी.टी. अधिनियम का अक्षरशः पालन सुनिश्चित किया जाए। मॉनिटिरिंग के लिए भोपाल में समय-समय पर डिकॉय ऑपरेशन किये जाएं। एक्ट का उल्लंघन करने वाले को प्रावधानों के अनुसार कड़ी सजा दिलवाई जाएगी। उन्होंने कहा कि बेटियों एवं महिलाओं की शिक्षा, स्वास्थ्य, पोषण, स्वालंबन, सुरक्षा के लिए शासन द्वारा संचालित योजनाओं का अधिकाधिक प्रचार प्रसार सुनिश्चित करें। बैठक में विधि विभाग, गृह विभाग, महिला एवं बाल विकास विभाग, सामाजिक न्याय विभाग, पंचायत राज विभाग के प्रतिनिधि उपस्थित रहे।
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