भोपाल। वर्ष 2017 में सिचाचीन जैसे सामरिक महत्व और दुर्गम क्षेत्र में जान हथेली पर लेकर देश की सुरक्षा में तैनात सेना के एक कैप्टन के साथ भोपाल के तीन प्रापर्टी डीलरों ने 17 लाख की धोखाधड़ी कर दी। आरोपियों ने फ रियादी के भोपाल में नहीं रहने का फ ायदा उठाया और एक प्लॉट दिखाकर उसके फ र्जी दस्तावेजों के आधार पर रजिस्ट्री करा दी, लेकिन उसे प्लॉट का कब्जा नहीं दिया। 2018 में फ रियादी कैप्टन ने अयोध्या नगर थाने में आवेदन दिया था, लेकिन पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। कुछ दिन पहले कैप्टन ने भोपाल एडीजी उपेंद्र जैन के कार्यालय में आवेदन दिया था जिसमें उसकी छोटी बहन फ रियादी थी। इसी आवेदन की जांच के बाद अयोध्या नगर पुलिस ने बीती रात तीन आरोपियों के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज कर लिया है। आरोपियों की अभी गिरफ्तारी नहीं की जा सकी है। टीआई रेणु मुराब ने बताया कि तोषण द्विवेदी पिता रामखेलावन द्विवेदी भोपाल के रहने वाले हैं और सेना में कैप्टन हैं। वर्तमान में गंगटोक में पदस्थ हैं। अप्रैल 2017 में उन्हें एक फं ड मिला था, जिससे उन्होंने भोपाल के अरेड़ी गांव में प्लॉट खरीदा। प्लॉट इंद्रपाल के नाम था, लेकिन उसमें शुभम तोमर और रामदास भी प्रापर्टी डीलिंग संस्था में पार्टनर थे। तीनों ने मिलकर फ रियादी से 17 लाख रुपए लेकर अप्रैल 2017 में प्लॉट की रजिस्ट्री करा दी। लेकिन प्लॉट का कब्जा नहीं दिया। फ रियादी 2017 में सियाचीन में पदस्थ थे। वर्ष 2018 में जब फि र छुट्टी पर आए तो दोबारा प्लॉट का कब्जा मांगा। फ रियादी टालमटोल करने लगे। इसके बाद फ रियादी को दूसरी जगह नया प्लॉट देने का झांसा देने लगे। फ रियादी को ठगी का एहसास हो गया, लेकिन उसकी छुट्टियां समाप्त होने के कारण वे ड्यूटी पर चले गए। ड्यूटी पर जाने से पहले उन्होंने भोपाल में रहने वाली अपनी बहन संजू द्विवेदी को इस केस को डील करने की जिम्मेदारी सौंपी थी। कुछ महीने पहले फ रियादी पक्ष ने भोपाल एडीजी कार्यालय में धोखाधड़ी की शिकायत की थी। इसी शिकायत के जांच के आधार पर इंद्रपाल, शुभम तोमर और रामदास के खिलाफ धोखाधड़ी, अमानत में खयानत और आपराधिक षड्यंत्र का मामला दर्ज कर लिया है। टीआई ने बताया कि आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं हो सकी है।
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