भोपाल। गत दिनों भोपाल में मुख्यमंत्री कायार्लय में सांसदों-विधायकों की फर्जी नोटशीट के माध्यम से तबादले कराने के मामला उजागर हुआ था। मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा क्राइम ब्रांच को मामले की जांच के निर्देश दिये थे। इसके बाद क्राइम ब्रांच ने फर्जी नोटशीट मामले में शातिर गिरोह के पांच सदस्यों को बुधवार को गिरफ्तार कर लिया है। बताया गया है कि इस फर्जीवाड़े का मास्टर माइंड भाजपा विधायक रामपाल सिंह का पुराना रसोइया है।
दरअसल, गत दिनों सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर, महेंद्र सिंह सोलंकी, रोडमल नागर और विधायक रामपाल सिंह के नाम से फर्जी नोटशीट तैयार कर तबादले की अनुशंसा कर मुख्यमंत्री कार्यालय भेजी गई थी। इन नोटशीट को मुख्यमंत्री कार्यालय में तैनात अफसरों ने जांच में फर्जी बताकर शिकायत क्राइम ब्रांच को थी।
क्राइम ब्रांच ने उन लोगों को बुलाकर पूछताछ शुरू की, जिनकी तबादलों की अनुशंसाएं की गई थीं। इस दौरान दो संदेहियों के नाम सामने आए। इनमें सुनहरी बाग जवाहर चौक भोपाल निवासी 36 वर्षीय रामप्रसाद राही गिरोह का सरगना निकला। वह पूर्व में विधायक रामपाल सिंह के भोपाल स्थित बंगले पर रसोइया था। उसने फर्जी नोटशीट तैयार कराने के लिए दो कंप्यूटर ऑपरेटर रखे थे। क्राइम ब्रांच के अफसरों का कहना है कि अभी विधायक रामपाल सिंह के लेटरहेड पर फर्जी नोटशीट का मामला सुलझा है, सांसदों की नोटशीट तैयार करने वालों की तलाश जारी है।
क्राइम ब्रांच ने दूसरे संदेही ग्राम कानीबड़ा रायसेन निवासी 35 वर्षीय लखनलाल धाकड़ को पकड़ा। इन दोनों को पुलिस ने हिरासत में लेकर पूछताछ की तो फर्जी नोटशीट तैयार करना कबूल कर लिया। उन्होंने अपने साथी शिक्षा विभाग के भृत्य रामागोपाल पाराशर (54) निवासी मॉडल स्कूल परिसर टीटीनगर भोपाल, रामकृष्ण राजपूत (31) और दशरथ राजपूत (44) निवासी ग्राम खामा पडवा जिला हरदा के बारे में बताया। इस तरह से अब तक मामले में पांच आरोपितों की गिरफ्तारी हुई।
क्राइम ब्रांच एएसपी गोपाल धाकड़ ने बताया कि रामगोपाल पाराशर शिक्षा विभाग का भृत्य है। वह पूर्व में स्वास्थ्य मंत्री प्रभुराम चौधरी के बंगले पर काम कर चुका है। वह डाक लगाने के लिए कई बार रामपाल सिंह के बंगले पर जाता था तभी उसने विधायक के बंगले से लेटरहेड हेड चुराकर पांच हजार में रामप्रसाद राही को बेच दिया था। (एजेंसी, हि.स.)
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved