भोपाल। राजधानी भोपाल (Bhopal) के भौंरी इलाके में स्थित भारतीय विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान (आइसर) (Indian Institute of Science Education and Research (IICER)) में गुरुवार शाम को अचानक आग लग गई। यह आग आइसर बिल्डिंग के बेसमेंट में संचालित पर्यावरणीय विज्ञान विभाग के लैब (Department of Environmental Science Labs-केमिस्ट्री लैब) में लगी। यहां बड़ी मात्रा में केमिकल होने की वजह से आग इतनी तेजी से फैली कि देखते ही देखते पूरी लैब को अपनी चपेट में ले लिया। इससे यहां रखे केमिकल के साथ जरूरी दस्तावेज व अन्य सामान जलकर राख हो गया। मौके पर पहुंचे दमकलकर्मियों को धुएं की वजह से आग बुझाने में काफी दिक्कतें आईं। बेसमेंट में घुसने का रास्ता बंद था। ऐसे में जेसीबी से दीवार तोड़कर आग बुझाई गई। गनीमत रही कि इस आग की वजह से कोई जनहानि नहीं हुई।
जानकारी के मुताबिक, बकानिया भौंरी में इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस एजुकेशन एंड रिसर्च संचालित है। गुरुवार दोपहर करीब 4 बजे कर्मचारियों ने केमिस्ट्री लैब भवन में धुंआ उठता देखा। कर्मचारी आग बुझाने का जतन करते इससे पहले आग ने विकराल रूप ले लिया। लैब में रखे केमिकल तक आग पहुंच गई। प्रबंधन ने तुरंत ही फायर अमले को सूचना दी। मौके पर पहुंची दमकलों ने आग बुझाना शुरू किया। लेकिन, पानी की बौछार लैब तक नहीं पहुंच पा रही थीं। ऐसे में जेसीबी से दीवार तोड़ी गई। लैब में बड़ी मात्रा में अलग-अलग तरह के केमिकल रखे हुए हैं। केमिकल में आग लगने की वजह से फायर कर्मियों को आग बुझाने में दिक्कत का सामना करना पड़ा।
नगर निगम के अग्निशमन अमला प्रभारी रामेश्वर नील ने बताया कि आइसर कालेज के बेसमेंट में पर्यावरणीय विज्ञान विभाग का संचालन किया जाता है। इसके बगल में स्टोर रूम है। यहां विभिन्न प्रकार के कैमिकल के साथ शोध पत्र व महत्वपूर्ण मशीनें रखी हुई थीं। यहां कुछ मेंटेनेंस का काम किया जा रहा था। आशंका है कि इस दौरान शार्ट सर्किट से आग लगी होगी। फायर कंट्रोल रूम को आग लगने की सूचना शाम चार बजे दी गई थी। इसके बाद मौके पर गांधी नगर, बैरागढ़ और फतेहगढ़ समेत अन्य स्थानों से छह फायर फाइटर और दो वाटर ब्राउजर मशीनें भेजी गईं।
फायर फाइटर पंकज यादव ने बताया कि लैब में रखे कैमिकल की वजह से आग भड़क गई। इस आग ने कुछ ही देर में वहां रखे अन्य सामान को भी अपनी चपेट में ले लिया। बेसमेंट में घुसने के रास्ते पर धुंआ ही धुंआ निकल रहा था। आग नहीं दिख रही थी। ऐसे में पहले दीवार तोड़ी गई, फिर आग बुझाई। इसमें तकरीबन ढाई घंटे का समय लग गया।
आइसर कालेज की इस लैब में जलवायु परिवर्तन, संरक्षण, जैव-विविधता, भूमिजल और मृदा संरक्षण, प्राकृतिक संसाधनों का प्रयोग, कचरा प्रबंधन, सतत विकास, वायु प्रदूषण और शोर से होने वाले प्रदूषण जैसे मुद्दों पर शोध कार्य किया जाता है। यहां शोध पत्र व आउटलेट के साथ कंप्यूटर और फर्नीचर भी रखे थे। इस आग से कितना नुकसान हुआ, अभी आकलन नहीं किया गया है।
200 एकड़ में फैला है आइसर परिसर
देश में सात भारतीय विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान हैं। इनमें सबसे बड़ा कैंपस भोपाल का है। यहां सबसे अधिक कोर्स भी संचालित किए जा रहे हैं। आयशर भोपाल की स्थापना 2008 में हुई थी। कैंपस 200 एकड़ में बना हुआ है। कैंपस में कुल 10 विभाग हैं। यूजी और पीएचडी मिलाकर कुल 1716 छात्र हैं। टाइम्स हायर एजुकेशन 2021 विश्व रैंकिंग में आइसर भोपाल को भारत के 63 कैंपस में से 26वां स्थान मिला था। वहीं वर्ल्ड रैंकिंग में 1000 में 801वां मुकाम मिला था। (एजेंसी, हि.स.)
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