भोपाल। गांधीनगर के ग्राम लाऊखेड़ी में सोमवार दोपहर डेढ़ बजे 20 फुट गहरे सीवेज चैंबर (sewage chamber) में एक निजी कंपनी के इंजीनियर और श्रमिक (Engineer and worker) की दम घुटने से मौत (died of suffocation) हो गई।
अमृत योजना के अतंर्गत बनाए जा रहे सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट के पास वे चैंबर की लंबाई-चौड़ाई का नाप लेने के लिए पहुंचे थे। जब बहुत देर तक वे चैंबर से बाहर नहीं आए तो ग्रामीणों ने उनके जूते व चप्पल बाहर देखकर पुलिस को सूचना दी। ग्रामीणों और नगर निगम के बचाव दल ने रस्सी बांधकर दोनों शव को बाहर निकाला। शवों को पोस्टमार्टम के लिए हमीदिया अस्पताल भेज दिया गया। पोस्टमार्टम मंगलवार को किया जाएगा। पुलिस ने मर्ग कायम कर मामले की जांच शुरू कर दी है। शुरुआती जांच में जहरीली गैस से दम घुटने से मौत होना बताया जा रहा है।
गांधीनगर थाना प्रभारी अरुण शर्मा ने बताया कि नगर निगम के जोन क्रमांक-एक के क्षेत्र में बने लाऊखेड़ी स्थित सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट और सीवेज लाइन का काम गुजरात की अंकिता कंस्ट्रक्शन कंपनी कर रही है। सीवेज चैंबर की लंबाई-चौड़ाई का नाप लेने के लिए सोमवार को झाबुआ निवासी 22 वर्षीय भारत उर्फ धारू सिंह और इंजीनियर ग्राम सिरफिसना जिला कुशीनगर उत्तरप्रदेश निवासी 28 वर्षीय दीपक कुमार सिंह पहुंचे थे। ग्रामीणों ने खुले चैंबर के बाहर जूते-चप्पल देखे तो उन्हें शंका हुई और चैंबर में झांककर देखा तो एक युवक पड़ा दिखाई दिया।
ग्रामीणों की सूचना पर पुलिस और नगर निगम का अमला मौके पर पहुंचा। मौके पर मौजूद लोगों ने पुलिस को बताया कि सीवेज चैम्बर देखने के लिए दो लोग आए थे। पहले एक व्यक्ति चैंबर में नीचे उतरा, उसके बाद दूसरा भी उतर गया था। तब से कोई बाहर नहीं आया। इसके बाद रेस्क्यू टीम ने 20 मिनट की कड़ी मशक्कत के बाद दोनों शवों को बाहर निकाला और पोस्टमार्टम के लिए अस्पताल पहुंचाया। थाना प्रभारी के मुताबिक आंशका है कि जहरीली गैस से उनका दम घुट गया।
अंकिता कंस्ट्रक्शन कंपनी के विरुद्ध थाने में शिकायत
मामले को लेकर नगर निगम कमिश्नर केवीएस चौधरी कोलसानी ने सीवेज एवं सीवेज प्रकोष्ठ इंचार्ज संतोष गुप्ता को अंकिता कंस्ट्रक्शन कंपनी के विरुद्ध थाने में शिकायत करने के निर्देश दिए। कमिश्नर कोलसानी ने बताया कि इस मामले में कंपनी की लापरवाही है। जिसकी शिकायत करने के बाद गांधी नगर थाने में एफआईआर दर्ज कराई गई। नगर निगम के सीवेज एवं सीवेज प्रकोष्ठ इंचार्ज संतोष गुप्ता ने बताया कि लाऊखेड़ी में अंकिता कंस्ट्रक्शन कंपनी चैंबर का काम कर रहा है। इंजीनियर और मजदूर जांच करने गए थे। इसी दौरान वे हादसे का शिकार हो गए। सीवेज लाइन अभी निगम को हैंडओवर नहीं हुई है। लाइन चालू होने के अगले 10 साल तक कंपनी ही देखरेख करेगी।
सीवेज परियोजना भोपाल के लाऊखेड़ी में हुए हादसे की होगी जाँच
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री भूपेन्द्र सिंह ने लाऊखेड़ी भोपाल में हुए हादसे पर गहरा शोक व्यक्त किया है। उन्होंने संभागायुक्त एवं प्रशासक नगरपालिक निगम भोपाल को अमृत योजना में भोपाल निगम की स्वीकृत सीवेज परियोजना के लाऊखेड़ी क्षेत्र में हुए हादसे की जाँच कराने के निर्देश दिये हैं। उन्होंने कहा है कि प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए हादसा/दुर्घटना के कारणों की जाँच आयुक्त नगरपालिक निगम भोपाल से करवा कर 24 घंटे के भीतर प्रतिवेदन प्रस्तुत करें। (एजेंसी, हि.स.)
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