भोपाल: भोपाल CBI कोर्ट (Bhopal CBI Court) ने व्यापम मामले (vyapam case) में दो आरोपियों को 7-7 साल जेल व 10 हजार के जुर्माने की सजा सुनाई है, जबकि 3 अन्य फरार अभ्यर्थियों को कोर्ट में अनुपस्थित होने के कारण फरार घोषित करते हुए, उनका गिरफ्तारी वारंट (arrest warrant) जारी कर दिया है. 5 आरोपियों में से 3 ने परीक्षा के दौरान अपने स्थान पर दूसरे को बैठाकर फर्जी तरीके से परीक्षा पास की थी.
बता दें कि जब कोर्ट सजा का फैसला सुना रहा था तो आरोपी परीक्षार्थी जितेंद्र सिंह सेंगर, सत्येंद्र सिंह सेंगर एवं केशव सिंह बड़ेरिया के सजा सुनाने के दौरान अनुपस्थित थे. जिस वजह से अब उनको फरार घोषित कर दिया है. साथ ही उनके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट भी जारी कर दिया है.
CBI के विशेष न्यायाधीश नीति राज सिंह सिसोदिया ने शुक्रवार को व्यापम प्रकरण केस के अपने फैसले में 5 आरोपियों को दोषी पाया है. मीडिया में सीबीआई के लोक अभियोजक मनु उपाध्याय ने बताया कि व्यापम ने साल 2013 में एमपी पुलिस आरक्षक भर्ती-2013 द्वितीय का आयोजन किया था. जिसमें परीक्षार्थी जितेंद्र सिंह सेंगर, सत्येंद्र सिंह सेंगर एवं केशव सिंह वडेरिया ने अपनी जगह किसी ओर को बैठाया और वो इस परीक्षा में पास हो गए.
कोर्ट ने अभ्यर्थियों की जगह पेपर देने वाले अमित आलोक व सतीश कुमार मौर्य को प्रतिरुपण, मूल्यवान प्रतिभूति के दस्तावेजों के कूटकरण, कूट रचित दस्तावेजों को गलत तरीके से इस्तेमाल, छल और अपराधिक षड्यंत्र के लिए 7-7 की सजा और 10 हजार का जुर्मना लगाया है. व्यापम घोटाला मध्यप्रदेश का सबसे बड़ा भर्ती घोटाला माना जाता है. इस घोटाले में कई बड़े नाम सामने आए थे. कुछ लोगों की तो मौत हो गई, जबकि कुछ लोग सलाखों के पीछे है. अब हाईकोर्ट खुद इस मामले की जांच करवा रही है. व्यापम घोटाले में सरकारी नौकरियां घूस लेकर रेवड़ियों की तरह बांटी गई.
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