भोपाल। प्रदेश में यातयात के नियम तोडऩे वालों की गिनती में साल दर साल इजाफा हो रहा है। वहीं राजधानी भोपाल के लोग यातायात नियमों को तोडऩे में प्रदेशभर में सबसे आगे हैं। भोपाल में 98025 ने यातयात के नियम तोड़ा है। वहीं दूसरे स्थान पर इंदौर है। वहां 78354 लोगों ने तो ग्वालियर में 38396 और जबलपुर में 37386 लोगों ने नियम तोड़ा है। यह गिनती उन वाहन चालकों की जो पुलिस की नजर में आए हैं। पुलिस अधिकारी मानते हैं इससे कहीं ज्यादा लोग ऐसे जिन्होंने यातयात के नियम तो तोड़े हैं लेकिन उन पर कार्रवाई नहीं हो पाई है।
पिछले साल की तुलना में इस साल और अधिक लोगों पर मोटर व्हीक्ल एक्ट के तहत चालान किए हैं। जबकि ऐसे पर काबू करने के लिए सड़कों पर फिजीकल चेकिंग के अलावा सीसीटीवी के जरिए भी निगरानी हो रही है। लोगों में बढ़ रही यातयात के नियमों की अनदेखी की परिपाटी पुलिस के लिए परेशानी की वजह है। क्योंकि वाहन चालकों की यह खामियां यातयात की हालत को बिगाड़ती हैं, इसके अलावा हादसों की गिनती में भी इजाफा कर रही है।
हर दिन 326 से अधिक पर कार्रवाई
ट्रैफिक पुलिस के आकंडों के मुताबिक भोपाल में हर महीने करीब 9,700 लोगों पर ट्रैफिक रूल्स तोडऩे की कार्रवाई होती है। अनुपात है कि 326 से अधिक लोग रोज यातायात पुलिस की जद में आते हैं। यातयात पुलिस के रेकार्ड के मुताबिक यातयात के नियम का उल्लघन करने वालों में भोपाल प्रदेश के चारों बड़े शहरों की गिनती में पहले पायदान पर है। यातायात के नियमों का वाहन चालक पालन करें इसलिए लगातार लोगों को जागरूक किया जा रहा है। चालान के अलावा वाहन चालकों को समझाइश भी दी जाती है। लेकिन लोग नियमों की अनदेखी करते हैं। यातायात को सुधारने के लिए पब्लिक का जागरूक होना जरूरी है।
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