भोपाल (Bhopal)। मध्य प्रदेश (MP) की राजधानी भोपाल स्थित AIIMS की टीम ने बड़ा कारनामा कर दिखाया है. यहां ड्रोन (drone) ने कमाल कर दिया. उसने बहुत बड़ा काम चुटकियों में कर दिया. ड्रोन ने भोपाल से करीब 50 किमी दूर रायसेन के गौहरगंज में दवाइयां सप्लाई कीं. दरअसल, यहां ड्रोन (drone) का ट्रायल रन था. यह ट्रायल पूरी तरह सफल रहा. इस ट्रायल के सफल होने के बाद मरीजों को काफी सुविधा हो जाएगी.
ड्रोन से भविष्य में दूरस्थ इलाकों में दवाइयां पहुंचाना आसान हो जाएगा. मेडिकल इमरजेंसी के हालातों में यह तकनीक बहुत काम आएगी. बता दें, मेडिकल में ड्रोन का इस्तेमाल केंद्र सरकार का पायलट प्रोजेक्ट है. इसके तहत प्रदेश के आदिवासी इलाकों को सीधे एम्स भोपाल से कनेक्ट किया जाएगा. इससे मेडिकल क्षेत्र में क्रांति आ जाएगी.
खास बात यह है कि इस पर किसी तरह का चार्ज नहीं वसूला जाएगा. इस सुविधा का इस्तेमाल करने वाले मरीजों के परिजनों को इसका खर्च नहीं उठाना पड़ेगा. यह खर्च एम्स भोपाल और भारत सरकार उठाएगी. भोपाल एम्स में यह सेवा हफ्ते में 5 दिन उपलब्ध रहेगी. रोज 5 ड्रोन के जरिए दवाइयां और सैंपल लाने ले जाने का काम किया जाएगा.
शुरुआती चरण में इन ड्रोन का इस्तेमाल भोपाल से गौहरगंज इलाके में किया जाएगा. भोपाल से गौरगंज की दूरी तय करने में ड्रोन को आधे घंटे का समय लगेगा. 1 ड्रोन में 5 किलोग्राम तक का वजन रखा जा सकेगा. पहली बार ड्रोन ने 50 किलोमीटर तक दवाई पहुंचाई है. इस ड्रोन की क्षमता 100 किलोमीटर दूर तक जाने की है.
एम्स डायरेक्टर प्रोफेसर डॉ. अजय सिंह ने बताया कि केन्द्र की मंशा के लिहाज से एम्स भोपाल ने सकारात्म पहल की है. केन्द्र सरकार ने आदिवासी क्षेत्रों में सिकलसेल से निपटने का अभियान चलाया है. ड्रोन के माध्यम से दूर-सूदूर और आदिवासी अंचलों में दवाइयां आसानी से पहुंच जाएंगीं. न केवल इंटीरियर इलाके बल्कि दूसरे बड़े अस्पतालों को भी जरूरत पड़ने पर दवाइयां उपलब्ध कराई जाएंगीं.
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