भोपाल। राजधानी भोपाल (Rajdhani Bhopal) को अपनी सांसों से जिंदगी देने वाले भेल (Bhel) की अब सांस रुकने लगी है। अब तक कोरोना (Corona) से 30 कर्मचारियों की मौत हो चुकी है और 150 से ज्यादा स्टाफ संक्रमित (Staff infected) हैं। भेल टाउनशिप (BHEL Township) में कर्मचारियों के परिवारों में भी कोरोना (Corona) तेजी से फैल रहा है। भेल (Bhel) के अस्पतालों में सारे बेड फुल (Bed Full)हो चुके हैं।
कोरोना (Corona) के इस संकट काल में भेल कारखाने (BHEL factory) में इस्तेमाल होने वाली ऑक्सीजन (Oxygen) को शहर के निजी और सरकारी अस्पतालों (Government hospitals) को दी जा रही है। पहले 1800 क्यूबिक ऑक्सीजन सप्लाई (Oxygen supply) की गई। अब 2500 क्यूबिक से ज्यादा ऑक्सीजन सप्लाई ((Oxygen supply)) हो रही है। जो भेल ऑक्सीजन (Oxygen) की सप्लाई (Supply) कर जनता की जान बचा रहा है, आज उसी के अधिकारी-कर्मचारी सुरक्षित नहीं हैं।
भेल में कोहराम
कोरोना से भेल में भी कोहराम मचा हुआ है। महारत्न कंपनी भेल के कई कर्मचारी कोरोना से संक्रमित हो चुके हैं। अब तक 30 भेलकर्मियों जान जा चुकी है। ऐसे में सवाल उठना लाजमी है कि भेल कारखाने को अब तक बंद क्यों नहीं किया गया। कारखाने में रोजाना बड़ी संख्या में उपस्थिति हो रही है। गोविंदपुरा क्षेत्र की विधायक कृष्णा गौर ने भेल प्रबंधन और जिला प्रशासन को पत्र लिखकर कारखाने को कुछ दिन के लिए बंद करने की अपील की है।
भेल अस्पताल में कोविड केयर सेंटर
भेल के कस्तूरबा अस्पताल में कोविड सेंटर बनाया गया है। यहां केवल 108 बेड हैं। सभी बेड भरे हुए हैं। ऐसे में कर्मचारी परेशान हैं। भेल के कर्मचारी यूनियन इंटक के सचिव दीपक गुप्ता ने बताया कि कोरोना संक्रमण काल में अस्पताल प्रबंधन को सरकार की ओर से पूरी तरह मदद नहीं मिल पा रही है। इंजेक्शन की कमी है। क्षेत्रीय विधायक और राजधानी की सांसद लापता हैं।
भेल टाउनशिप में खतरा
भेल टाउनशिप चार क्षेत्रों में बंटी हुई है। इसमें बरखेड़ा, हबीबगंज, गोविंदपुरा और पिपलानी शामिल हैं। चारों क्षेत्रों में संक्रमण पसरा हुआ है। अभी तक 150 से ज्यादा कर्मचारी संक्रमित हो चुके हैं। भेल टाउनशिप में कर्मचारियों के परिवारों में भी कोरोना तेजी से फैल रहा है। इस खतरे की चपेट में अब पूरी भेल टाउनशिप आ रही है।
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