- सबसे पहली शुरुआत छत्तीसगढ़ से हुई-बड़ी संख्या में भक्त होंगे लाभांवित
उज्जैन। वर्चुअल रियलिटी वीआर आज के दौर में एक फ्यूचर है। वीआर के द्वारा आप एक जगह बैठकर किसी भी दूसरे जगह का साक्षात अनुभव ले सकते हैं। ऐसा ही एक इनोवेशन टेक-एक्सआर प्रा. लिमिटेड भोपाल ने किया है, जिसके तहत अब देश भर में उज्जैन महाकाल की भस्म आरती वी आर टेक्नोलॉजी से लोगों को दिखाई जाएगी। देशभर से महाकाल मंदिर आने वाले श्रद्धालुओं की एक ही कामना होती है कि उन्हें सुबह होने वाली भस्म आरती में प्रवेश मिल जाए लेकिन रोजाना सीमित श्रद्धालु ही आरती में शामिल हो पाते हैं। इसके चलते एक कम्पनी ने महाकाल लोक में नई तकनीक ईजाद कर अब श्रद्धालुओं को वर्चुअल रियलिटी से भस्म आरती में सम्मिलित होने का अवसर दिया। इससे भक्तों को ऐसा अहसास होता है कि वे गर्भगृह में भगवान महाकाल के पास खड़े होकर आरती देख रहे हैं। महाकालेश्वर मंदिर में रोजाना होने वाले भस्म आरती में प्रवेश के लिए ऑनलाइन, ऑफलाइन और प्रोटोकॉल के माध्यम से एंट्री होती है। इसमें हजारों भक्त भस्म आरती में सम्मिलित होने से वंचित रह जाते हैं।
आरती का टिकट आसानी से नहीं मिलता है। ऐसे भक्त जो आरती को देखना चाहते हैं, उनके लिए डिवाइन टेकएक्सआर इनोवेशन कंपनी एआर-वीआर तकनीक से महाकाल लोक में लोगों को भस्माआरती दिखाई जा रही है। लेकिन अब वी आर पद्धति से उज्जैन में ही नहीं देश के अन्य मंदिरों में भी उज्जैन महाकाल की भस्म आरती दिखाने की शुरुआत की जा रही है जिसकी सबसे पहले शुरुआत छत्तीसगढ़ से हुई है। वीआर टेक्नोलॉजी के माध्यम से महाकाल मंदिर उज्जैन की भस्म आरती की दिव्य झलक का अनुभव छत्तीसगढ़ के लोगों द्वारा किया जा सकेगा। कंपनी के द्वारा बताया गया कि, यह टेक्नोलॉजी उन भक्तों या ऐसे किसी भी व्यक्ति के लिए बेहद फायदेमंद होगी जो महाकाल की भस्म आरती के दिव्य अनुभव को प्राप्त करना चाहते हैं, लेकिन उज्जैन नहीं जा सकते है। यह तकनीक इन पवित्र दर्शन का बिल्कुल यथार्थवादी, जीवंत और अद्भुत अनुभव प्रदान करती है। इस तकनीक को छत्तीसगढ़ में पहली बार मंजू मीश्रा ने शुरुआत की है। यह दर्शन रुआ बांधा मंदिर भिलाई तथा राम मंदिर वीआईपी रोड रायपुर मे किये जा सकते है जिसकी शुरुआत की जा चुकी है ।