पुणे । राकांपा (शरदचंद्र पवार) सांसद सुप्रिया सुले (NCP (Sharadchandra Pawar) MP Supriya Sule) ने कहा कि भारतरत्न डॉ. बाबा साहेब अंबेडकर (Bharat Ratna Dr. Baba Saheb Ambedkar) देश की एकता और लोकतंत्र की नींव रखने वाले (Who laid the foundation of the Country’s Unity and Democracy) महान व्यक्ति थे (Was Great Person) । सुप्रिया सुले ने अंबेडकर जयंती पर भारत रत्न डॉ. बाबा साहेब अंबेडकर को श्रद्धांजलि दी । पुणे में मीडिया से बातचीत के दौरान उन्होंने बाबा साहेब के योगदान को याद किया ।
सुप्रिया सुले ने कहा कि वे हर साल बाबा साहेब से प्रेरणा लेने आती हैं। उन्होंने बताया कि बाबा साहेब और उनकी टीम द्वारा बनाया गया संविधान आज भारत को एक मजबूत लोकतंत्र देता है। महात्मा गांधी ने देश को आजादी दिलाई, लेकिन यह देश कैसे चलेगा, इसका रास्ता बाबा साहेब ने अपने संविधान के जरिए दिखाया। उनके विचारों से हम आज भी प्रेरणा लेते हैं और आगे बढ़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि सुले ने बाबा साहेब को देश की एकता और लोकतंत्र की नींव रखने वाला महान व्यक्तित्व बताया।
मेहुल चोकसी की गिरफ्तारी पर सुप्रिया सुले ने कहा, “मैं इसका स्वागत करती हूं। देर से ही सही, लेकिन न्याय की शुरुआत हुई है।” उन्होंने सरकार से अनुरोध किया कि वित्तीय धोखाधड़ी के मामलों में सबसे पहले गरीबों, ईमानदार टैक्सपेयर्स और मेहनतकश लोगों का पैसा वापस किया जाए। जो लोग मेहनत और खून-पसीने की कमाई करते हैं, उनका पैसा पहले लौटाना चाहिए। उसके बाद सरकार मेहुल चौकसी या अन्य के खिलाफ जो कार्रवाई चाहे करे।
सुले ने सरकार से नीतिगत फैसलों में जल्दबाजी से बचने की भी अपील की। उन्होंने वक्फ बोर्ड और अन्य मुद्दों पर चर्चा का जिक्र करते हुए कहा कि सरकार को सभी पक्षों को विश्वास में लेना चाहिए। उन्होंने एक राष्ट्र, एक चुनाव की समिति का उदाहरण देते हुए कहा, “इस समिति में पी.पी. चौधरी जी के नेतृत्व में सभी दलों के लोग शामिल हैं। वहां खुले मन से और विनम्रता से चर्चा होती है। कोई जल्दबाजी नहीं है।”
उन्होंने सुझाव दिया कि वक्फ बोर्ड जैसे मामलों में भी इसी तरह की प्रक्रिया अपनाई जानी चाहिए थी। थोड़ा समय और चर्चा से बेहतर नतीजे मिल सकते हैं। डराने-धमकाने की बजाय सरकार को सबको साथ लेकर चलना चाहिए। सुप्रिया सुले ने अपनी बात को दोहराते हुए कहा कि उनकी यह राय पहले भी थी, आज भी है और भविष्य में भी रहेगी। उन्होंने सरकार से सभी नीतियों में पारदर्शिता और सहमति पर जोर दिया। उनके इस बयान ने बाबा साहेब के विचारों के साथ-साथ समसामयिक मुद्दों पर भी ध्यान खींचा है।
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