नई दिल्ली । भारत राष्ट्र समिति विधान परिषद सदस्य (BRS MLC) और तेलंगाना के मुख्यमंत्री (Telangana CM) के. चंद्रशेखर राव की बेटी (K. Chandrasekhar Rao’s Daughter) के. कविता (K. Kavita) ने जंतर-मंतर पर (At Jantar Mantar) एक दिवसीय भूख हड़ताल की (Hunger Strike) । यह भूख हड़ताल संसद के मौजूदा बजट सत्र में महिला आरक्षण विधेयक पेश करने की मांग को लेकर की ।
भारत राष्ट्र समिति विधान परिषद सदस्य के. कविता ने कहा जिस तरह से पूरी दुनिया का विकास हो रहा है अगर उसी तेजी से हिंदुस्तान का भी विकास होना है तो महिलाओं को राजनीतिक क्षेत्र में भी भागीदारी मिलनी चाहिए और इस क्षेत्र में भागीदारी मिलने के लिए महिला आक्षरण बिल को लाना बहुत जरूरी है। ये बिल 27 साल से लंबित है। मैं आपसे वादा करती हूं कि जब तक ये बिल नहीं आएगा तब तक हम ये पथ नहीं छोड़ेंगे, आंदोलन करते रहेंगे, क्योंकि इस बिल से हिंदुस्तान का भला हो सकता है।
कविता ने कहा महिला आरक्षण बिल महत्वपूर्ण है और हमें इसे जल्द लाने की जरूरत है। मैं सभी महिलाओं से वादा करती हूं कि जब तक बिल पेश नहीं किया जाता यह विरोध नहीं रुकेगा। यह विधेयक राष्ट्र के विकास में सहायक होगा। मैं भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार से इस विधेयक को संसद में पेश करने का अनुरोध करती हूं।
इससे पहले कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा कि शुक्रवार को जंतर-मंतर पर बीआरएस एमएलसी के. कविता द्वारा बुलाई गई एक दिवसीय भूख हड़ताल में पार्टी हिस्सा नहीं लेगी। कविता ने गुरुवार को यूपीए के कार्यकाल के दौरान महिला आरक्षण विधेयक को आगे बढ़ाने के लिए सोनिया गांधी की प्रशंसा करते हुए गठबंधन के मुद्दे पर अहंकार के लिए पार्टी की आलोचना की और कहा कि कांग्रेस को टीम प्लेयर होना चाहिए। उन्होंने कहा कि उन्होंने विरोध के लिए एक प्रतिनिधि भेजने के लिए कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और महासचिव केसी वेणुगोपाल से बात की।
बीआरएस ने कहा कि उन्हें ‘आप’- संजय सिंह और चित्रा सरवारा, शिवसेना (उद्धव) प्रतिनिधिमंडल, अकाली दल- नरेश गुजराल, पीडीपी- अंजुम जावेद मिर्जा, नेकां- डॉ. शमी फिरदौस, तृणमूल कांग्रेस- सुष्मिता देव, जद(यू)- के.सी. त्यागी, राकांपा- डॉ. सीमा मलिक, भाकपा- नारायण के., सीपीआई (एम)-सीताराम येचुरी, समाजवादी पार्टी- पूजा शुक्ला, राजद- श्याम रजक और राज्यसभा सांसद कपिल सिब्बल आदि के शामिल होने की पुष्टि मिली है । इससे पहले, उन्होंने महिला आरक्षण विधेयक की मांग को लेकर कांग्रेस सहित 18 राजनीतिक दलों को एक दिवसीय भूख हड़ताल में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया था। उन्होंने कहा था कि लगभग 6000 लोग उपस्थित होंगे और उनका संगठन, भारत जागृति मंच समान विचारधारा वाले दलों और संगठनों तक पहुंच गया है।
नई दिल्ली में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) विधान परिषद सदस्य के. कविता ने कहा कि हमने 2 मार्च को भूख हड़ताल का पोस्टर रिलीज किया और 10 मार्च को दिल्ली में हम धरना देने वाले हैं, तो हमें ईडी डायरेक्टरेट ने नोटिस दिया कि हमें 9 मार्च को ईडी के सामने पेश होना है। तो हमने ईडी से निवेदन किया हमारा एक कार्यक्रम था हम 16 मार्च को आएंगे, लेकिन पता नहीं ईडी को ऐसी क्या जल्दबाजी है, जो जांच-पड़ताल दिल्ली एक्साइज पॉलिसी को लेकर चल रही है तो इसमें कौन सी आफत आ जाएगी अगर हमें 2 दिन का समय हमारे कार्यक्रम के लिए दे देंगे।
कविता ने बताया कि ईडी ने कहा कि हमें 10 मार्च को ही आना है तो हमने कहा कि 10 मार्च को हमारा धरना है हम 11 मार्च को आ जाएंगे तो अब मैं 11 मार्च को ईडी के सामने उपस्थित हो जाऊंगी, और हम पूछताछ में ईडी का पूरा सहयोग करने के लिए तैयार है। तो इस बीच में हमारा और ईडी का जो वार्तालाप हुआ है वह मैं आप सबके साथ साझा करना चाहती हूं। मैं आपको बताना चाहती हूं कि जब भी ईडी या कोई भी जांच एजेंसी किसी महिला से पूछताछ करना चाहती है एक फंडामेंटल राइट महिला का होता है कि महिला के घर पर आकर महिला से पूछताछ करें।
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